पाठ - 13
हिम्मत और ज़िंदगी
क) विषय-बोध
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1. सुख का स्वाद किन
लोगों को अधिक प्राप्त है?
उत्तर : सुख का स्वाद उन लोगों को अधिक प्राप्त होता है
जो सुख का मूल्य पहले चुकाते हैं।
प्रश्न 2. लेखक के अनुसार
किन लोगों के लिए आराम ही मौत है?
उत्तर : जिन्हें आराम आसानी से मिल जाता है उन लोगों के लिए आराम ही मौत है।
प्रश्न 3. ‘त्यक्तेन
भुंजीथाः’ का क्या अर्थ है?
उत्तर : जीवन का भोग
त्याग के साथ करो।
प्रश्न 4. अकबर ने कितने
वर्ष की उम्र में अपने पिता के दुश्मन को हराया था?
उत्तर : अकबर ने तेरह
वर्ष की उम्र में अपने पिता के दुश्मन को हराया था।
प्रश्न 5. महाभारत का युद्ध
किन-किन के मध्य हुआ था?
उत्तर : महाभारत का युद्ध कौरवों और पाण्डवों के मध्य
हुआ था।
प्रश्न 6. महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की जीत का क्या कारण था?
उत्तर : महाभारत के युद्ध में पाण्डवों की जीत इसलिए हुई क्योंकि
उन्होंने लाक्षाग्रह की मुसीबत झेली थी और बनवास का संकट झेला था। उन्होंने कौरवों
के द्वारा दिए गए कष्टों को झेला था।
प्रश्न 7.साहसी व्यक्ति की पहली पहचान क्या है ?
उत्तर : (1) साहसी
व्यक्ति तमाशा देखने वालों की चिंता नहीं करता।
(2) वह उन सपनों में
भी रस लेता है जिनके कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं होते।
प्रश्न 8. लेखक के अनुसार
साधारण जीव कौन-से लोग हैं?
उत्तर : जो आस-पड़ोस को देखकर
चलते हैं वे साधारण जीव होते हैं।
प्रश्न 9. लेखक ने किन्हें
क्राँति करने वाले लोग कहा है?
उत्तर : जो लोग अपने उद्देश्य की
तुलना पड़ोसी के उद्देश्य से नहीं करते।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए:
प्रश्न 1. लेखक के अनुसार नींद तथा
भोजन का वास्तविक आनन्द किन्हें मिलता है?
उत्तर : नींद का वास्तविक
आनंद उन्हें मिलता है जो दिनभर धूप में थक कर वापस लौटता है तथा भोजन का आनंद
उन्हें मिलता है जो कुछ दिन बिना खाये भी रह सकता है।
प्रश्न 2. जीवन में असफलताएँ मिलने पर भी साहसी मनुष्य क्या करता है?
उत्तर: साहसी मनुष्य असफलताओं से घबराता नहीं। उनका साहस के साथ मुकाबला करता
है और आगे ही आगे बढ़ता रहता है।
प्रश्न 3. महान निश्चय व बड़े मौके पर कायरता दिखाने वाले व्यक्ति का जीवन
कैसा होता है?
उत्तर : जो व्यक्ति महान निश्चय और किसी बड़े मौके पर
कायरता दिखाता है, वह कभी भी सुखी नहीं रहता। तभी उसकी आत्मा उसे फटकारती रहती है।
प्रश्न 4. ज़िंदगी में
जोखिम से बचने के कारण क्या हानि होती है?
उत्तर : ज़िंदगी में जोखिम से बचने के कारण निम्नलिखित हानि होती है:-
(1) वह अपने ही जीवन के
व्यर्थ फ़ेरों के बीच कैद हो जाता है।
(2) उसे ज़िंदगी का कोई मज़ा
नहीं मिलता।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए:
प्रश्न 1. साहसी व्यक्ति के
कोई पाँच गुण लिखिए।
उत्तर : साहसी व्यक्ति के गुण इस प्रकार हैं:-
(1) साहसी व्यक्ति इस बात
की चिंता नहीं करता कि तमाशा देखने वाले उसके बारे में क्या सोच रहे हैं।
(2) वह उन सपनों में भी रस
लेता है जिनका कोई व्यावहारिक अर्थ नहीं होता।
(3) वह कभी भी सपने उधार
नहीं लेता।
(4) वह सदा अकेला ही अपनी
राह पर चलता है।
(5) वह कठिनाइयों से नहीं
डरता।
(6) वह पूर्ण रूप से निडर होता है।
प्रश्न 2. निम्नलिखित
पंक्तियों की व्याख्या कीजिए :
(i) जो लोग पाँव
भीगने के ख़ौफ़ से पानी से बचते रहते हैं, समुद्र में डूब जाने का खतरा उन्हीं के
लिए है। लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है वे मोती लेकर बाहर आयेंगे।
उत्तर : लेखक कहता है कि
इस संसार में जिन लोगों को अपने पाँव भीगने का डर होता है उन्हें ही समुद्र में
डूबने का खतरा होता है अर्थात् जो लोग कठिन परिस्थितियों को देखकर डर जाते हैं और
उनसे संघर्ष नहीं करते वे जीवन में कभी भी सफल नहीं होते। डरपोक लोगों को असफलता
ही मिलती है। किंतु जिन लोगों को लहरों
में तैरने का अभ्यास होता है अर्थात् जो परिस्थितियों का निडर और साहसी बनकर सामना
करते हैं उन्हें ही सफलता मिलती है वे लोग ही समुद्र से मोती निकाल सकते हैं।
(ii) अगर रास्ता आगे
ही आगे निकल रहा हो तो फिर असली मज़ा तो पाँव बढ़ाते जाने में ही है।
उत्तर : लेखक आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देता है कि यदि
जीवन में रास्ता आगे की तरफ निकलता है तो आंतरिक आनंद आगे बढ़ते जाने में ही है।
भाव है कि यदि जीवन में आगे की तरफ कोई रास्ता निकलता हो तो हमें आगे बढ़ते जाना
चाहिए। उस रास्ते पर आगे बढ़ने से ही असली आनंद प्राप्त होगा।
(iii) अरे ओ जीवन के
साधको! अगर किनारे की मरी हुई सीपियों में ही तुम्हें संतोष हो जाए तो समुद्र के
अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक-कोष को कौन बाहर लाएगा?
उत्तर:लेखक जीवन के साधकों को संबोधित कर उन्हें प्रेरणा देता है कि, हे जीवन
के साधको! यदि तुम्हें किनारे पर मरी हुई सीपियों में ही संतोष मिल जाए तो समुद्र
के बीच में छिपे हुए मोतियों के खजाने को कौन बाहर निकालेगा। भाव यह है कि तुम्हें
केवल सीपियों से ही संतोष नहीं करना चाहिए बल्कि कठिन परिश्रम करते हुए समुद्र के
बीच जाकर मोतियों का खजाना ढूंढ़कर लाना
चाहिए।
(iv) कामना का अंचल
छोटा मत करो। जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो, रस की निर्झरी
तुम्हारे बहाए भी बह सकती है।
उत्तर: लेखक साधकों को प्रेरणा दे रहा है कि हे साधको ! तुम अपनी इच्छाओं के
आँचल को छोटा मत करो। तुम अपनी जिंदगी के
फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो। इसमें से रस की नदी तुम्हारे द्वारा भी बह
सकती है। भाव यह है कि यदि तुम मेहनत करो और अपनी इच्छाएँ बड़ी रखो तो तुम्हें
अवश्य फल की प्राप्ति होगी।
(ख) भाषा-बोध
1. निम्नलिखित तत्सम शब्दों के तद्भव रूप लिखिए:-
तत्सम – तद्भव पुष्प – फूल ओष्ठ - होंठ मृत्यु - मौत हस्त - हाथ |
तत्सम – तद्भव रात्रि - रात गृह – घर लाक्षा – लाख कर्म - काम |
2. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ समझकर उन्हें वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए:-
1. पाँव बढ़ाना – (चाल तेज़ करना,
जल्दी-जल्दी चलना, आगे बढ़ना)
वाक्य – हमें सदा सफलता की ओर पाँव बढ़ाना चाहिए।
2. दाँव पर लगाना – (कोई वस्तु बाज़ी पर लगाना)
वाक्य – युधिष्ठिर ने अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया था।
3. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखिए:-
रेगीस्तान, सन्तुश्ट, आतमा, ज़रुरत, अवाज़, सवाद, खुशबुदार, संजम, चुनोती,
निरझरी
अशुद्ध – शुद्ध रेगीस्तान – रेगिस्तान सन्तुश्ट – संतुष्ट आतमा – आत्मा ज़रुरत – ज़रूरत अवाज़ – आवाज़ |
अशुद्ध – शुद्ध सवाद – स्वाद खुशबुदार – खुश्बूदार संजम – संयम चुनोती – चुनौती निरझरी – निर्झरी |
4. निम्नलिखित वाक्यों में सही विराम चिह्न लगाइए:-
1. झुंड में चरना यह भैंस और भेड़ का काम है
उत्तर: झुंड में चरना, यह भैंस और भेड़ का काम है।
2. यह आवाज़ उसे बराबर कहती रहती है तुम साहस नहीं दिखा सके तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए
उत्तर: यह आवाज़ उसे बराबर कहती रहती है,”तुम साहस नहीं दिखा सके, तुम कायर की
तरह भाग खड़े हुए।”
3. अरे ओ जीवन के साधको तुम निचली डाल का फल
तोड़कर लौटे जा रहे हो तो फिर फुनगी का वह लाल आम किसके वास्ते है
उत्तर- अरे ओ जीवन के साधको ! तुम निचली डाल का फल तोड़कर लौटे जा रहे हो, तो
फिर फुनगी का वह लाल आम किसके वास्ते है?