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कक्षा-नौवीं ,पाठ - 15( एक अंतहीन चक्रव्यूह)

                                                                     पाठ - 15 

                                                                एक अंतहीन चक्रव्यूह

                                      क) विषय-बोध

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए :

प्रश्न 1. नशे के चक्रव्यूह में फँसा आदमी क्या कुछ लुटा देता है?

उत्तर : नशे के चक्रव्यूह में फँसा आदमी अपना तन-मन-धन सब कुछ लुटा देता है।

प्रश्न 2. व्यसन या ड्रग एडिक्शन किसे कहते हैं?

उत्तर : जब आदमी का मन और शरीर दोनों नशे के गुलाम बन जाते हैं और वह नशे के  बिना नहीं रहता तो इसे व्यसन कहते हैं।

प्रश्न 3. नशे के अंतहीन चक्रव्यूह में कौन फँस जाता है?

उत्तर : मन का सन्तुलन खोजता आदमी नशे के अंतहीन चक्रव्यूह में फँस जाता है।

प्रश्न 4. कोकेन के सेवन से क्या नुकसान होता है?

उत्तर : कोकेन के सेवन से त्वचा के नीचे असंख्य कीड़े रेंगने का आभास होता है।

प्रश्न 5. नशा करने से पारिवारिक व सामाजिक जीवन पर क्या असर पड़ता है?

उत्तर : नशा करने से पारिवारिक व सामाजिक जीवन नष्ट हो जाता है। अपनों का प्यार और साथ खो जाता है। वह दुनिया में अकेला रह जाता है।

प्रश्न 6. नशा करने से आर्थिक जीवन पर क्या असर पड़ता है?

उत्तर : नशा करने से आर्थिक समस्याएँ दिनों-दिन बढ़ती जाती हैं।

प्रश्न 7. कौन-कौन सी संस्थाएँ नशामुक्ति की सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं?

उत्तर : सरकारी, गैर-सरकारी संगठन, अस्पताल, पुलिस तथा स्वयंसेवी संस्थाएँ नशामुक्ति की सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं।

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए:-

प्रश्न 1. नशे की भूल-भुलैया में लोग क्यों फँस जाते हैं?

उत्तर : नशे की भूल-भुलैया में लोग इसलिए फँस जाते हैं ताकि वे अपने जीवन की सच्चाइयों से मुँह मोड़ सकें।

प्रश्न 2. लेखक के अनुसार किस तरह के लोग नशे के शिकार होते हैं?

उत्तर : लेखक के अनुसार कोई ग़म दूर करने, तो कोई शून्य, स्नेहरिक्त, जीवन में रस लाने के लिए, कोई उत्सुकतावश तो कोई फैशनेबल दिखने के लिए नशे के शिकार होते हैं।

प्रश्न 3. लोगों में नशे के बारे में किस तरह की ग़लतफहमी है ? पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।

उत्तर : लोगों में नशे के बारे में ग़लतफहमी है कि नशा कल्पनाशीलता और सृजनात्मकता बढ़ाता है।

प्रश्न 4. नशा करने वाले व्यक्ति के स्वभाव में क्या परिवर्तन आ जाता है?

उत्तर : नशा करने वाले व्यक्ति का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। उसे झूठ बोलने की आदत पड़ जाती है। उस पर आलस्य छा जाता है। वह शंकालु बन जाता है।

प्रश्न 5. नशा करने से कौन-कौन-सी भयंकर बीमारियाँ होती हैं?

उत्तर : नशा करने से एड्स, हेपेटाइटिस, वातस्फीति, दमा, खाँसी आदि भंयकर बीमारियाँ होती हैं।

 

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए :

प्रश्न 1. नशा करने का एक बार का अनुभव आगे चलकर व्यसन में बदल जाता है कैसे?

उत्तर : नशे की शुरुआत आदमी अपने किसी दोस्त या साथी के कहे में आकर करता है। धीरे-धीरे उसका यह अनुभव व्यसन में बदल जाता है। वह इसका आदी बन जाता है। उसे नशे के बिना एक पल भी अच्छा नहीं लगता। नशा न मिलने पर वह छटपटाने लगता है। उसका शरीर और मन दोनों नशे के गुलाम बन जाते हैं।

प्रश्न 2. नशेड़ी व्यक्ति का जीवन अंतत: नीरस हो जाता है कैसे?

उत्तर : नशेड़ी व्यक्ति के जीवन में कुछ भी शेष नहीं रहता। उसका शरीर ही नहीं बल्कि मन भी रोगों का शिकार बन जाता है। उसका सामाजिक संपर्क टूट जाता है। कोई उससे बात करना भी पसंद नहीं करता। न उसके पास धन रहता है और न यौवन। अनेक बीमारियाँ उसे घेर लेती हैं। इस प्रकार नशेड़ी व्यक्ति का जीवन नीरस बन जाता है।

प्रश्न 3. नशामुक्ति के क्या-क्या उपाय किए जाते हैं?

उत्तर : नशामुक्ति के लिए निम्न उपाय किए जाते हैं :-

(1) नशामुक्ति के लिए मनोरोग विशेषज्ञ से मदद ले सकते हैं।

(2) डॉक्टर नशे की खुराक को घटाते  हुए देकर धीरे-धीरे बंद कर देते हैं।

(3) ऐसी दवाएँ दी जाती हैं जिससे तन-मन की छटपटाहट काबू हो जाती है।

(4) रोगी को अस्पताल भी भर्ती कर सकते हैं।

(5) अनेक संस्थाओं द्वारा मदद की जाती है।

(6) रोगी के मानसिक एवं सामाजिक पुनर्वास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं।

प्रश्न 4. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए-

1. अवसाद, तनाव, विफलता, हताशा आदि मन को कमज़ोर बनाने वाली स्थितियाँ भी नशे की ओर धकेल सकती हैं। मन का संतुलन खोजता आदमी एक अंतहीन चक्रव्यूह में फँस जाता है।

उत्तर : लेखक का कथन है कि यदि आदमी के जीवन में किसी प्रकार का दुःख, तनाव, असफलता आदि हो तो वे भी उसके मन को कमज़ोर  बना देती हैं जिसके कारण आदमी नशे की ओर चला जाता है। वह नशा करने लगता है। वह इसमें अपने मन का संतुलन बनाना चाहता है लेकिन धीरे-धीरे एक अंतहीन चक्रव्यूह में फँस जाता है।

2. किंतु अच्छाई इसी में है कि इस चक्रव्यूह से स्वयं को बिल्कुल आज़ाद ही रखें। कोई कुछ भी कहे, न तो नशों के साथ एक्सपेरिमेंट करना अच्छा है, न ऐसी संगत में रहना ठीक है जहाँ लोग उसके चंगुल में कैद हों।

उत्तर :  लेखक नशे से बचने का सुझाव देता है कि अच्छाई  इसी बात में है कि नशे के चक्रव्यूह से स्वयं को बिल्कुल स्वतन्त्र रखना चाहिए। हमें कभी भी नशे का शिकार नहीं होना चाहिए। चाहे कोई कुछ भी कहे न तो नशों के साथ परीक्षण करना अच्छा होता है और न ही ऐसी संगति में रहना जहाँ लोग उसके शिकार होते हैं।

(ख) भाषा-बोध

1. निम्नलिखित में से उपसर्ग तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए.

शब्द          उपसर्ग           मूल शब्द

निर्बुद्धि       निर्                बुद्धि

दुष्प्रभाव      दुः                   प्रभाव

बेचैन           बे                   चैन

शब्द          उपसर्ग       मूल शब्द

बेरोज़गार     बे             रोज़गार

उत्खनन      उत्              खनन

विवश          वि                वश

2. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए

शब्द               मूल शब्द         प्रत्यय

निर्भरता              निर्भर               ता

पुरातात्विक          पुरातत्व          इक

मानसिक            मानस            इक

कल्पनाशीलता   कल्पनाशील       ता

चिकित्सीय               चिकित्सा            ईय

शब्द        मूल शब्द         प्रत्यय

विफलता        विफल         ता

शारीरिक         शरीर          इक

मनोवैज्ञानिक   मनोविज्ञान    इक

सृजनात्मकता  सृजनात्मक     ता

सरकारी           सरकार        

 

3. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए

मुँह मोड़ना(उपेक्षा करना, ध्यान न देना)

वाक्य – विद्यार्थियों को आलस्य से सदा मुँह मोड़ना चाहिए।

• रग–रग में फैलना (सब जगह फैलना)

वाक्य – साँप का ज़हर किसान की रग-रग में अब तक फैल चुका होगा।

घर करना(मन में कोई बात बैठ जाना)

वाक्य – कवि को उस के पिता ने ऐसा समझाया कि यह बात उसके मन में घर कर गई है।

सुध न रहना(याद न रहना)

वाक्य – परीक्षा निकट आते ही विद्यार्थियों को खाने-पीने की भी सुध नहीं रहती।

ग़म ग़लत करना(दुःख भूलने के लिए नशा करना)

वाक्य -  अरे ! मेहनत करो ग़म ग़लत करने से कुछ नहीं होगा।

नाता टूटना(सम्बन्ध ख़त्म हो जाना)

वाक्य राम और श्याम का नाता टूट चुका है।

 4. निम्नलिखित पंजाबी वाक्यों का हिन्दी में अनुवाद कीजिए :-

1.   ਹੌਲੀ ਹੌਲੀ ਖੁਰਾਕ ਦੀ ਮਾਤਰਾ ਵੀ ਵਧਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ।

उत्तर:  धीरे-धीरे खुराक की मात्रा भी बढ़ती जाती है।

2. ਨਸ਼ੇ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਆਮ ਤੌਰਤੇ ਕਿਸੇ ਦੋਸਤ ਜਾਂ ਸਾਥੀ ਦੇ ਕਹਿਣ ਵਿੱਚ ਕੇ ਹੁੰਦੀ ਹੈ।

उत्तर : नशे की शुरुआत आमतौर पर किसी दोस्त या साथी के कहने में कर होती है।

3. ਨਸ਼ੇੜੀ ਵਿਅਕਤੀ ਦਾ ਕਿਸੇ ਵੀ ਕੰਮ ਵਿੱਚ ਮਨ ਨਹੀਂ ਲਗਦਾ।

उत्तर : नशेड़ी व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगता।

4. ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੀ ਲਤ ਤੋਂ ਮੁਕਤੀ ਪਾਉਣਾ ਅਸਾਨ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ।

उत्तर : नशीले पदार्थों की आदत से मुक्ति पाना आसान नहीं होता।

5. ਨਸ਼ਿਆਂ ਤੋਂ ਸਾਨੂੰ ਖ਼ੁਦ ਨੂੰ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਅਜ਼ਾਦ ਰੱਖਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ

उत्तर : नशों से हमें स्वयं को सदा आज़ाद रखना चाहिए।