विस्मयादिबोधक
1.अरे ! क्या तुम्हें समझ
नहीं आता ।
2.शाबाश ! मुझे तुम पर गर्व
है ।
3. ना-ना ! मैं गलत काम
नहीं करूंगा ।
4. आह ! राम का जाना
कितना दुःख देता है ।
उपर्युक्त वाक्यों में 'अरे', 'शाबाश',
'ना-ना' तथा 'आह'
शब्द क्रमशः विस्मय, हर्ष, घृणा तथा शोक मनोभावों को व्यक्त कर रहे हैं । ये विस्मयादिबोधक शब्द हैं ।
इनका प्रयोग प्रायः वाक्य के शुरू में होता है तथा इन शब्दों के बाद जो चिह्न (!)
लगता है, उसे विस्मयादि बोधक चिह्न कहते हैं ।
वाक्य में जिन शब्दों के
प्रयोग से विस्मय, हर्ष, घृणा तथा शोक आदि मन के भाव प्रकट
होते हैं, उन्हें
विस्मयादिबोधक कहते हैं ।