कक्षा - छठी विषय - हिंदी
पाठ – 1
प्रार्थना
हे ईश्वर, हे भगवान,
हम सब बच्चे हैं नादान।
तुम्हीं हो माता-पिता हमारे,
भाई-बन्धु सखा हमारे।
करें सभी से प्रेम सदा हम,
करें सभी के दुःख दूर हम।
सबका भला हमेशा चाहें।
मिटा सकें दुःखियों की आहें।
माता-पिता की आज्ञा मानें,
गुरु का आदर करना जानें।
देश-प्रेम पर बलि - बलि जायें,
दीन-दु:खी को सदा बचायें।
आगे कदम बढ़ाते जायें,
कभी न पीछे हटने पायें।
करें किसी से नहीं लड़ाई,
करें किसी की नहीं बुराई।
पढ़ें लिखें- हम खेलें खायें,
भारत देश की शान बढ़ायें।
इसका मान न घटने पाये,
चाहे प्राण भले ही जायें।
फैले चहुँ ओर हरियाली,
सबके घर में हो खुशहाली।
देश हमारा बढ़ता जाये,
होकर बड़े कीर्ति हम पायें।
अभ्यास
1) नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें ਬੱਚੇ = बच्चे
ਅੱਗੇ = आगे
ਦੁੱਖ = दुःख
ਪਿੱਛੇ = पीछे
ਆਗਿਆ = आज्ञा
ਖੁਸ਼ਹਾਲੀ = खुशहाली
ਗੁਰੂ = गुरु
ਕੀਰਤੀ = कीर्ति
2) नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :-
ਨਾਸਮਝ = नादान
ਵਾਰੀ ਜਾਣਾ = बलि-बलि जाएँ
ਮਿੱਤਰ = सखा ਸ਼ਾਨ = शान
ਸਦਾ = हमेशा
ਚਹੁੰ ਪਾਸੇ = चहुँ ओर
ਬੜਾਈ = कीर्ति
3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :-
(क) बच्चों ने भगवान से कौन-कौन से संबंध जोड़े हैं?
उत्तर - माता-पिता,भाई-बंधु और सखा के।
(ख) बच्चे किनकी आहें मिटाना चाहते हैं?
उत्तर - दीन - दु:खियों की।
(ग) बच्चे कौन से अच्छे गुण अपने भीतर विकसित करना चाहते हैं?
उत्तर - माता-पिता की आज्ञा मानना और गुरु का आदर करना।
(घ) बच्चे पढ़-लिखकर किसकी शान बढ़ाना चाहते हैं?
उत्तर - भारत देश की।
ङ) बच्चे देश के कैसे भविष्य की कामना करते हैं?
उत्तर - उज्ज्वल भविष्य की।
4) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार वाक्यों में लिखें :-
(क) बच्चे दीन-दुःखियों की सहायता कैसे कर सकते हैं?
उत्तर - बच्चे दीन-दु:खियों से प्रेम करके, उनके दु:खों को दूर करके और उनका भला करके उनकी सहायता कर सकते हैं।
(ख) देश-प्रेम पर बलि-बलि जायें, से कवि का क्या आशय है?
उत्तर - कवि का आशय है कि हमें अपने देश से प्रेम करते हुए उसके लिए बलिदान देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
(ग) 'होकर बड़े हम कीर्ति पायें' से बच्चों का क्या आशय है?
उत्तर - बच्चों का आशय है कि हम बड़े होकर अच्छे कार्यों से समाज में मान-सम्मान प्राप्त करें।
5) निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को कविता से देखकर पूरा करें :-
(क) तुम्हीं हो माता-पिता हमारे,
भाई-बन्धु सखा हमारे।
(ख) देश-प्रेम पर बलि-बलि जायें,
दीन-दु;खी को सदा बचायें।
(ग) पढ़े-लिखें हम खेलें खायें,
भारत देश की शान बढ़ायें।
ऊपर लिखित काव्य-पंक्तियों में माता-पिता, भाई-बन्धु, देश-प्रेम, दीन-दुःखी, पढ़ें-लिखें शब्द युग्म (जोड़े) के रूप में प्रयोग हुये हैं। इन शब्द-युग्मों को उदाहरण के अनुसार लिखें:-
माता-पिता = माता और पिता
भाई-बन्धु = भाई और बन्धु
देश-प्रेम = देश और प्रेम
दीन-दुःखी = दीन और दुःखी
पढ़ें-लिखें = पढ़ें और लिखें
6. बहुवचन बनायें :-
कदम = कदमों
दु:खी = दु:खियों
घर = घरों भाई = भाइयों
प्राण = प्राण
7. समान तुक वाले शब्द ढूंढ़कर उपयुक्त स्थान पर लिखें :-
भगवान् = नादान
मानें = जानें
चाहें = आहें
हरियाली = खुशहाली
लड़ाई। = बुराई
जायें = पायें
8.'भलाई' में मूल शब्द 'भला' है। इसी प्रकार मूल शब्द अलग करें :-
दुःखी = दुःख हरियाली = हरा
लड़ाई = लड़ खुशहाली = खुशहाल
बुराई = बुरा आहें = आह
9. वाक्य बनाओ :-
प्रेम :- हमें सभी के साथ प्रेम से रहना चाहिए।
आहें :- बच्चे दीन दु:खियों की आहें मिटाना चाहते हैं।
बुराई :- हमें किसी की बुराई नहीं सुननी चाहिए।
शान :- हमें अपने देश की शान बढ़ानी चाहिए।
खुशहाली :- सब जगह खुशहाली हो।
10. 'ईश्वर' को भगवान भी कहते हैं। परमेश्वर, प्रभु, परमपिता सब इसी के नाम हैं। नीचे लिखे शब्दों के लिए अन्य क्या-क्या नाम हो सकते हैं? सोचकर लिखें :-
माता = जननी, माँ
पिता = जनक, बाप
भाई = सहोदर, बन्धु
सखा = मित्र, दोस्त
दुःख = कष्ट, विपदा
गुरु = शिक्षक, अध्यापक
संयोजक :- गुरप्रीत कौर, हिंदी अध्यापिका, स.ह.स. लापराँ, लुधियाना संशोधक :- विनोद कुमार,हिंदी शिक्षक,सरकारी हाई स्कूल,खन्ना-2, लुधियाना |