पाठ - 10
साए
(लेखक - हिमांशु जोशी)
अभ्यास
(क) विषय-बोध
1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या
दो पंक्तियों में दीजिए।
क) परिवार वाले हर रोज़ किसकी राह देखते
थे?
उत्तर - परिवार
वाले हर रोज़ रंग-बिरंगे टिकटों वाले पत्र की राह देखते थे।
ख) घर का मुखिया कारोबार करने कहाँ गया
हुआ था?
उत्तर - घर
का मुखिया कारोबार करने अफ्रीका गया हुआ था।
ग) अज्जू बड़ा होकर क्या बनना चाहता था?
उत्तर - अज्जू
बड़ा होकर इंजीनियर बनना चाहता था।
घ) अज्जू को नैरोबी में मिला वृद्ध व्यक्ति
कौन था?
उत्तर - अज्जू
को नैरोबी में मिला वृद्ध व्यक्ति उसके पिता जी का जिगरी दोस्त था।
2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार
पंक्तियों में दीजिए।
क) नैरोबी के अस्पताल से आए पत्र को पढ़कर
पत्नी परेशान क्यों हो गई?
उत्तर - नैरोबी
के अस्पताल से आए पत्र को पढ़कर पत्नी इसलिए परेशान हो गई क्योंकि यह पत्र उसके पति
का था, जो कि बहुत बीमार था। रंग-भेद के कारण पहले उसे यूरोपियन लोगों के अस्पताल में
जगह नहीं मिली किन्तु बाद में कुछ कहने-कहलवाने पर स्थान तो मिला पर इस अनावश्यक विलंब
के कारण रोग काबू से बाहर हो गया था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन की सलाह दी थी। अब उसके बचने
के आसार बहुत ही कम थे। ऐसे समय में उसे अपनी पत्नी और बच्चों की चिंता सता रही थी।
ख) घर से जाने वाले पत्र में अज्जू और
तनु के बारे में क्या क्या लिखा था?
उत्तर - घर
से जाने वाले पत्र में अज्जू और तनु के बारे में लिखा था कि बच्चे उन्हें बहुत याद
करते हैं। उन्हें देखने भर को तरसते रहते हैं। जो-जो हिदायतें चिट्ठियों में लिखी रहती
हैं, उनका अक्षरशः पालन करते हैं। मां को किसी किस्म का कष्ट नहीं देते; कहना मानते
हैं; पढ़ने में बहुत मेहनत करते हैं। अज्जू बड़ा होकर पापा की तरह अफ्रीका जाना चाहता
है। वह इंजीनियर बनना चाहता है और पापा के साथ खूब पैसा कमाना चाहता है। वह बारह वर्ष
का हो गया है और छठी कक्षा में अव्वल स्थान पर आया है। तनु अब अठारह वर्ष की हो गई
है, उसका विवाह करना है- इत्यादि बातें लिखी होती थीं।
ग) तनु के लिए वर सहज रुप से मिल जाने
का क्या कारण था?
उत्तर - तनु
के लिए वर सहज रूप से मिल जाने का कारण था - उसके पिता का अफ्रीका में काम करना। लड़के
वालों को लगा कि पिता विदेश में है और खूब सोना कमा रहा होगा। शादी खूब धूमधाम से होगी।
दहेज की भी उन्हें कोई चिंता ना थी इसलिए जल्द ही एक खाते-पीते घर का लड़का मिल गया।
घ) अज्जू के लिए अफ्रीका से क्या-क्या
आया था?
उत्तर - अज्जू
जब हाई स्कूल की परीक्षा में जिले में सर्वप्रथम रहा और खेलों में भी प्रथम स्थान प्राप्त
किया तो अज्जू ने बहुत से सर्टिफिकेट तथा खेलकूद में मिलने वाली वस्तुओं के फोटो अपने
पिताजी को भेजे। बदले में अज्जू के लिए कीमती कैमरा आया। गर्म सूट का कपड़ा आया। सुंदर
घड़ी आई और मर्मस्पर्शी लंबा पत्र आया।
ङ) पढ़ाई पूरी करने के बाद अज्जू ने अफ्रीका
जाने का निर्णय किन किन कारणों से किया?
उत्तर - पढ़ाई पूरी करने के बाद अज्जू अच्छी नौकरी
की तलाश में था। उसे नौकरी कहीं नहीं मिल रही थी। उसके मन में पिता से मिलने की इच्छा
बढ़ती जा रही थी। बचपन से उसने अपने पिता को नहीं देखा था। वह उन्हें मिलना चाहता था
और उनसे प्यार से बातें करना चाहता था। इसलिए उसने अचानक से पिता के पास जाने का निर्णय
किया ताकि वह अपने पिता को चौंका सके।
च) अज्जू को अंत में पिता के जिगरी दोस्त
ने भरे गले से क्या बताया?
उत्तर - अज्जू
को अंत में पिता के जिगरी दोस्त ने भरे गले से बताया," तुम्हारे पिता तो तभी गुज़र
गए थे। अपने सारे कारोबार से, उनके ही हिस्से के पैसे तुम्हें नियमित रूप से भेजता
रहा। कितने वर्षों से मैं इसी दिन के इंतज़ार में था..... अब तुम बड़े हो गए हो। अपने
इस कारोबार में मेरा हाथ बँटाओ। तुम सरसब्ज़ हो गए, मेरा वचन पूरा हो गया जो मैंने
उसे मरते समय दिया था।....."
3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह-सात
पंक्तियों में दीजिए-
क) वृद्ध व्यक्ति का चरित्र चित्रण कीजिए।
उत्तर - 'साए'
कहानी में प्रस्तुत वृद्ध व्यक्ति का चरित्र एक सज्जन और अच्छे मित्र का है। वृद्ध
व्यक्ति मित्रता का एक सच्चा और जीता जागता उदाहरण है। वह अपने मित्र की मृत्यु के
समय अपने मित्र के साथ उसके परिवार का पालन पोषण करने का जो वादा करता है, उसे वह जीवन
भर निभाता है। वह नियमित रूप से अपने मित्र के घर वालों को रुपए भेजता है। तनु के विवाह
के लिए जेवर, कपड़े भेजता है। समय-समय पर उपहार भेजता है और परिवार वालों को दिलासा
देने वाले पत्र भी निरंतर लिखता रहता है। परिवार और बच्चों को किसी भी प्रकार का दुःख
न हो, इसलिए वह उसके परिवार वालों के साथ उसकी मृत्यु का दुखद समाचार नहीं बाँटता। अपने दोस्त के बच्चों को अपने
ही बच्चों के समान प्यार और स्नेह देता है। अज्जू को अपने पिता के बारे में पता न चले
इसलिए वह अज्जू को अफ्रीका आने से मना कर देता है। सच में वृद्ध व्यक्ति एक सच्चा मित्र,
अच्छा इंसान और विवेकशील व्यक्ति है।
ख) वृद्ध व्यक्ति ने अज्जू और उसके परिवार
की देखभाल में क्या भूमिका निभाई और क्यों?
उत्तर - वृद्ध
व्यक्ति ने अज्जू और उसके परिवार की देखभाल में बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह
आजीवन परिवार के संपर्क में रहा। उसने अपने दोस्त के परिवार की प्रत्येक ज़रूरत का
ध्यान रखा। समय-समय पर परिवार को धन आदि से सहायता प्रदान की। पत्रों के माध्यम से
जीवन जीने की प्रेरणा भी दी। तनु के विवाह में स्वयं ना जाकर रुपए, जेवर तथा कपड़े
भेजे। बच्चों को सच्चाई न बता कर उन्हें एक सफल तथा ज़िम्मेदार व्यक्ति बनाया। वृद्ध
व्यक्ति ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उसने अपने मृत मित्र को वचन दिया था कि वह उसके
परिवार का ध्यान रखेगा, परिवार को टूटने या बिखरने नहीं देगा और बच्चों की देखभाल में
भी कोई कमी नहीं छोड़ेगा।
ग) 'साए' कहानी के शीर्षक की सार्थकता
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - 'साए'
कहानी के नामकरण में लेखक हिमांशु जोशी ने मौलिकता, संक्षिप्तता तथा उत्सुकता जैसे
तत्वों को समाहित किया है। कहानी का नाम 'साए' इतना आकर्षक और उपयुक्त है कि यह पाठक
एवं आलोचक को स्वयं ही आकर्षित कर लेता है। इस कहानी का शीर्षक प्रतीक रूप में अपनी
सार्थकता पूर्ण किए हुए हैं। वृद्ध व्यक्ति का अपना मित्र धर्म पालन करना एक उदाहरण
है। दूसरा उदाहरण बच्चों का अपने पिता के आने तथा उनके होने का जो आसरा जीवन भर बना
रहता है। वह 'साए' शीर्षक की सार्थकता को पूर्णतः सार्थक सिद्ध करता है। इस प्रकार
हम कह सकते हैं कि 'साए' कहानी का शीर्षक मित्रता, ईमानदारी तथा भाईचारे की भावना को
हृदय तक पहुँचाने में पूरी तरह उपयुक्त है।
घ) निम्नांकित कथनों के भावार्थ स्पष्ट
करो-
i) "तिनकों के सहारे तो हर कोई जी
लेता है लेकिन कभी-कभी हम तिनकों के साए मात्र के आसरे भँवर से निकलकर किनारे पर आ
लगते हैं।"
उत्तर - प्रस्तुत
पंक्तियों का भावार्थ यह है कि किसी सहारे या आश्रय के साथ तो प्रत्येक मनुष्य जीवन
जी लेता है लेकिन कभी-कभी उस सहारे या आश्रय के समाप्त होने पर भी हम उसकी छाया या
साए को ही सहारा समझकर जीवन के भँवर को पार कर जाते हैं। हमें अपना जीवन जीने में कोई
दिक्कत नहीं होती। हम अपने जीवन में आने वाली मुश्किलों को आसानी से हल कर लेते हैं।
उसी सहारे या आश्रय के कारण हमें अपना जीवन बोझ की बजाय प्यारा और सुगम लगने लगता है।
ii) "हम दुर्बल होते हुए, असहाय,
अकेले होते हुए भी कितने-कितने बीहड़ वनों को पार कर जाते हैं, आसरे की एक अदृश्य डोर
के सहारे......"
उत्तर - प्रस्तुत
पंक्तियों का भावार्थ यह है कि जब हमारे पास कोई उम्मीद या उस उम्मीद से जुड़ी हुई
हल्की सी भी रोशनी होती है तो हम सारी रुकावटों को पार करते हुए जीवन क्षेत्र में आगे
बढ़ते जाते हैं। हमें रोकने वाला कोई नहीं होता। हम कमज़ोर, हताश, निराश, बेसहारा और
अकेले होते हुए भी एक न दिखने वाली उम्मीद के सहारे कठिन से कठिन स्थितियों को पार
करते चले जाते हैं। जीवन की समस्त कठिनाइयाँ सरलता से उसके अनुकूल होती जाती हैं और
कठिनता सुगमता में बदल जाती है।
(ख) भाषा-बोध
1) निम्नलिखित शब्दों के लिंग बदलिए-
पुल्लिंग स्त्रीलिंग पुल्लिंग स्त्रीलिंग
पति पत्नी बेटा बेटी
युवक युवती बच्चा बच्ची
वर वधू मज़दूर मज़दूरिन
2) निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग तथा
मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए।
शब्द उपसर्ग मूल
शब्द शब्द उपसर्ग मूल शब्द
अबोध अ बोध अप्रवासी अ
प्रवासी
असहाय अ सहाय
विलंब
वि लंब
अदृश्य अ दृश्य विलीन
वि
लीन
असुरक्षा अ
सुरक्षा विमान
वि मान
3) निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय तथा
मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए-
शब्द मूल शब्द
प्रत्यय शब्द मूल शब्द
प्रत्यय
मेहमानदारी मेहमान दारी नियमित नियम इत
भारतीय भारत ईय आसानी आसान ई
स्वाभाविक स्वभाव इक आवश्यकता आवश्यक ता
4) निम्नलिखित तद्भव शब्दों के तत्सम
रूप लिखिए-
तद्भव तत्सम तद्भव तत्सम
ब्याह विवाह घर गृह
बूढ़ा वृद्ध पाँव पाद
भाई भ्राता आज
अद्य
हाथ हस्त दो
द्वि
रात रात्रि मुख मुँह