पाठ 14
महान राष्ट्र
भक्त: मदन लाल ढींगरा
विषय-बोध
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1. मदन लाल ढींगरा का जन्म कब हुआ?
उत्तर : मदन लाल ढींगरा का जन्म सन् 18 सितंबर 1883 ई. को हुआ था।
प्रश्न 2. मदन लाल ढींगरा को लाहौर कॉलेज की
पढ़ाई क्यों छोड़नी पड़ी?
उत्तर : मदन लाल ढींगरा
को अपनी देशभक्ति की भावना के कारण लाहौर कॉलेज की पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
प्रश्न 3. कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर उन्होंने अपना
गुज़ारा कैसे किया?
उत्तर : कॉलेज की पढ़ाई छोड़ने
के बाद उन्होंने अपना गुज़ारा करने के लिए कारखाने में नौकरी की। रिक्शा और टाँगा
भी चलाया।
प्रश्न 4. वे इंग्लैंड में
कौन सी पढ़ाई करने गए थे?
उत्तर : वे इंग्लैंड में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की
पढ़ाई करने गए थे।
प्रश्न 5. मदनलाल ढींगरा किस क्रांतिकारी
संस्था के सदस्य बने?
उत्तर : मदनलाल ढींगरा
'अभिनव भारत' क्रांतिकारी संस्था के सदस्य बने ।
प्रश्न 6. कर्ज़न वायली कौन था?
उत्तर : कर्ज़न वायली स्टेट ऑफ इंडिया का सचिव सलाहकार
था।
प्रश्न 7. मदनलाल ढींगरा को फाँसी की सज़ा कब दी गई?
उत्तर : मदनलाल ढींगरा
को 17 अगस्त सन् 1909 ई. को फाँसी की सज़ा दी गई।
प्रश्न 8. शहीद मदनलाल लाल ढींगरा की अस्थियाँ
भारत भूमि कब लाई गयीं?
उत्तर : मदनलाल ढींगरा
की अस्थियाँ 13 दिसंबर सन् 1976 ई. को भारत भूमि लाई गयीं ।
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए:-
प्रश्न 1. मदनलाल ढींगरा ने अंग्रेज़ों से बदला लेने की क्यों ठानी ?
उत्तर : मदनलाल ढींगरा ने अंग्रेज़ों से बदला लेने की इसलिए ठानी क्योंकि अंग्रेज़ों ने खुदीराम बोस,
कन्हैयालाल दत्त, सतिंदर पाल और कांशी राम जैसे क्रांतिकारियों को मृत्युदंड दे
दिया था। इन घटनाओं ने मदनलाल ढींगरा के मन में
अंग्रेज़ों के प्रति नफरत पैदा कर दी थी। तभी से उसने अंग्रेज़ों से बदला
लेने की ठानी।
प्रश्न 2. कर्ज़न वायली को मदन लाल ढींगरा ने क्यों मारा?
उत्तर : कर्ज़न वायली को मदन लाल ढींगरा ने इसलिए मारा
क्योंकि उनका मानना था कि ऐसे नीच अधिकारियों ने हज़ारों भारतीयों को केवल गुलाम
ही नहीं बनाया बल्कि बिना किसी कारण के मौत के घाट उतारा है। इसलिए उन्होंने अपनी
जेब से पिस्टल निकाली और 7 गोलियों से कर्ज़न वायली को वहीं ढेर कर दिया।
प्रश्न 3. मदन लाल ढींगरा की शहादत पर लाला हरदयाल ने क्या कहा था?
उत्तर : मदन लाल ढींगरा
की शहादत पर लाला हरदयाल ने कहा था कि ढींगरा की शहीदी उन राजपूतों और सिक्खों की
कुर्बानियों का स्मृति पुंज है जिसके कारण शहादत अमर बन जाती है। अंग्रेज़ सोचते होंगे कि उन्होंने मदनलाल ढींगरा को
फाँसी देकर सदा के लिए स्वतंत्रता की आवाज़ को दबा दिया है परंतु
वास्तविकता यह है कि यही आवाज़ भारत को स्वतंत्र बनाएगी।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छ: या सात पंक्तियों में दीजिए :-
प्रश्न 1. शहीद मदन लाल ढींगरा एक सच्चे देशभक्त थे।
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : मदन लाल ढींगरा
भारतवर्ष के उन महान शहीदों में से एक थे जिन्होंने देश को स्वतंत्र करवाने के लिए
अपने प्राण हँसते-हँसते न्योछावर कर दिए। मदन लाल ढींगरा एक साहसी एवं निडर
देशभक्त थे। वे शुरू से ही स्वतंत्रता प्रेमी थे। देशभक्ति के कारण उन्हें लाहौर
कॉलेज छोड़ना पड़ा। इंग्लैंड में जाकर भी उन्होंने पढ़ाई के साथ साथ ब्रिटेन में
चल रही स्वतंत्रता प्राप्ति की गतिविधियों में निडरतापूर्वक भाग लिया था। वे वहाँ
पर 'अभिनव भारत' नामक क्रांतिकारी संस्था के सदस्य बने रहे। उन्होंने बंग-भंग
आंदोलन के समय लंदन की गलियों में वंदे मातरम् गुंजाया। अपनी कमीज़ के ऊपर वंदे
मातरम् लिखकर लंदन के बाज़ारों में घूमते थे। अपनी हर पुस्तक पर वे नाम न लिखकर
वंदे मातरम् लिखते थे। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शहीद मदन लाल ढींगरा एक सच्चे
देशभक्त थे।
प्रश्न 2. आपको शहीद मदन
लाल ढींगरा के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर : भारतवर्ष के जिन वीर सपूतों ने देश को
स्वतंत्र करवाने के लिए अपने जीवन को बलिदान कर दिया, उनमें मदन लाल ढींगरा का नाम
भी प्रमुख है। मदन लाल ढींगरा ने निःस्वार्थ भाव से देश के लिए अपने प्राणों की
आहुति दी थी। इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हम अपने देश की
स्वतंत्रता की सुरक्षा करें और देश व समाज के विकास के
लिए ईमानदारी से अथक परिश्रम करें। जिस प्रकार मदन लाल ढींगरा ने ब्रिटिश
साम्राज्य को न्यायालय में ललकारते हुए कहा था कि अंग्रेज़ो को भारतीयों को
गुलाम बनाने का कोई हक नहीं है। उसी प्रकार हमें भी देश की सीमाओं पर हो रहे
प्रहारों का निडरतापूर्वक मुकाबला करना चाहिए। हमें अपने देश के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर देना चाहिए। हमें आत्मविश्वास, निडरता
एवं साहस के साथ मुसीबतों का सामना करना चाहिए। हमें अपने राष्ट्र की
सच्ची पूजा करनी चाहिए और देश की एकता को बनाए रखना चाहिए।
(ख)
भाषा-बोध
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों को शुद्ध करके लिखें:-
अशुद्ध - शुद्ध शरेय - श्रेय देशभगती - देशभक्ति गोर्वान्वित - गौरवान्वित सथापना - स्थापना आजादी - आज़ादी लवारिस - लावारिस |
अशुद्ध - शुद्ध आतमविश्वास - आत्मविश्वास
यांतरिकी - यांत्रिकी परशिक्शण -
प्रशिक्षण मृत्यूदंड - मृत्युदंड मातरिभुमि - मातृभूमि अस्थीयाँ -
अस्थियाँ |
अशुद्ध -
शुद्ध कालज - कॉलेज अध्यन - अध्ययन क्रांतीकारी - क्रांतिकारी हजार - हज़ार स्मरिति - स्मृति प्रापत - प्राप्त |
प्रश्न 2. निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ समझ कर उनका वाक्यों में प्रयोग करें
:-
1. तर्क के तराजू में तोलना (सोच समझ कर फैसला लेना)
मदनलाल ढींगरा हर बात को तर्क के तराजू में तोल कर देखते थे।
2. रंग में रंग जाना (प्रभाव पड़ना)
स्वतंत्रता सेनानियों का जीवन देश भक्ति के रंग में रंगा हुआ था।
3. मौत के घाट उतारना (मार डालना) मदन
लाल ढींगरा ने कर्ज़न वायली को मौत के घाट उतार दिया।
4. ढेर करना (मार गिराना) सैनिकों ने दुश्मनों
को ढेर कर दिया।
5. आवाज को दबाना (चुप कराना) साहसी व्यक्ति की आवाज़ को कोई नहीं दबा सकता।