कक्षा - छठी विषय
– हिंदी
पाठ-3
जय जवान ! जय किसान !

अभ्यास
1) नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और
हिंदी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :-
- ਜਨਮ = जन्म ਯਾਤਰਾ = यात्रा
- ivਅਕਤੀ =
व्यक्ति ਪੁੱਤਰ = पुत्र
- ਸ਼ਕਤੀ = शक्ति pu`qrI = पुत्री
- ਗੰਗਾ = गंगा ਸਮਾਪਤ = समाप्त
- ਸਮਾਂ = समय
iਲਖਤੀ = लिखित
- A`KW = आँखों ਪਰੀiਖਆ = परीक्षा
2) नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :-
ਇੱਜ਼ਤ = सम्मान
ਪੱਕਾ ਇਰਾਦਾ = दृढ़ निश्चय
ਇੱਕ ਕਲਾਸ iv`c pVHn ਵਾਲੇ = सहपाठी
ਹਾਲਾਤਾਂ = परिस्थितियाँ
ਉੱਚੀ ਪਦਵੀ = उच्च पद
ਧੰਨ ਦੀ ਕਮੀ = आर्थिक तंगी
ਤਰਲੇ ਪਾਉਣਾ = गुहार लगाना
ਮੰਤਵ, ਉਦੇਸ਼ = उद्देश्य
ਮੁਸ਼iਕਲ = विकट
ਜੇlH
= कारावास
3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :-
(क) 'जय जवान! जय किसान!' का नारा किसने दिया?
उत्तर - श्री लाल बहादुर शास्त्री जी ने।
(ख) लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म कब और कहाँ
हुआ?
उत्तर - 2 अक्टूबर, 1904 ई. को बनारस के कस्बे
मुगलसराय में।
(ग) जेल से आने के बाद
लाल बहादुर जी ने कौन-सी पढ़ाई पूरी की?
उत्तर - शास्त्री की।
(घ) पुत्री के बीमार होने पर उन्हें कितने दिन
के लिए रिहा किया गया?
उत्तर - पन्द्रह दिनों के लिए।
(ङ) शास्त्री जी का देहांत
कब हुआ?
उत्तर - 11 जनवरी 1966 ई. को।
(च) शास्त्री जी अपने
सिद्धांतों से समझौता करने को क्या समझते थे?
उत्तर - आत्मघातक।
4) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में लिखें :-
(क) शास्त्री जी अपने मित्रों से उधार क्यों नहीं माँगना चाहते थे?
उत्तर
- क्योंकि वह किसी भी साथी से उधार मॉंगना अपने गौरव के विरुद्ध समझते थे।
(ख) लाल बहादुर शास्त्री
जी ने लिखित शर्त पर जेल से छूटने से क्यों इन्कार किया?
उत्तर
- क्योंकि उस समय अंग्रेज़ी सरकार किसी भी राजनीतिक आंदोलन में भाग न लेने की शर्त
पर उन्हें छोड़ने को तैयार थी।
(ग) मौत से जूझते
पुत्र को छोड़ कर शास्त्री जी वापिस जेल क्यों चले गए?
उत्तर
- क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने उन्हें केवल एक सप्ताह के लिए रिहा किया था।
(घ) लाल बहादुर शास्त्री
जी में कौन-से ऐसे गुण थे जिससे वे उच्च पद को प्राप्त कर सके ?
उत्तर
- शास्त्री जी अपने साहसी, निडर, पक्के इरादे वाले, सिद्धांतवादी और विनम्र स्वभाव
के कारण उच्च पद को प्राप्त कर सके।
(ङ) लाल बहादुर शास्त्री
जी के जीवन से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर
- लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि अगर हमारा निश्चय
पक्का है तो हम जीवन में कोई भी उच्च पद प्राप्त कर सकते हैं।
5. नीचे दिये गये शब्दों में से उपयुक्त शब्द चुनकर रिक्त स्थान भरें
:-
निश्चय
दूसरे एक पैसा टाइफाइड 11 जनवरी 1966 कारावास
(क) लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे।
(ख) वे अपने निश्चय
पर दृढ़ रहने वाले व्यक्ति थे।
(ग) नाविक गंगा पार ले जाने का एक पैसा किराया लेता था।
(घ) नैनी कारावास
के दौरान उन्हें अपनी पुत्री के बीमार होने का समाचार मिला।
(ङ) उनके पुत्र को टाइफाइड हो गया था।
(च) उनका देहान्त 11 जनवरी 1966 को हुआ।
7. (क) विपरीत शब्दों का मिलान करें :
आग्रह जन्म |
आलस्य दुराग्रह विशेष मृत्यु अपमान कायर लाघव तंदरुस्त |
(ख) नये शब्द बनाओ
:-
|
(ग) लिंग बदलो :-
|
8. संयुक्त अक्षरों से नये शब्द बनाओ :-
- दृष्टि = ष्ट = कष्ट
- शास्त्री = स्त्र = वस्त्र
- निश्चय = श्च = पश्चिम
- आत्म = त्म = अध्यात्म
- आर्थिक = र्थ (र् +थ) = अनर्थ
- इच्छा = च्छ = मच्छर
1.
(क) पिता की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री पर भारी कष्ट आ पड़े।
(साधारण तरीके से कही गई बात)
(ख) पिता की मृत्यु के बाद लाल बहादुर शास्त्री
पर तो जैसे पहाड़ ही टूट पड़ा।
(विशेष तरीके से कही गई बात)
2.
(क) भारतीय जवान अपनी जान की परवाह न करके सीमा पर देश की रक्षा करते हैं।
(साधारण तरीके से कही गई बात)
(ख) भारतीय जवान अपनी जान हथेली पर रखकर सीमा पर देश की रक्षा करते हैं।
(विशेष तरीके से कही गई बात)
उपर्युक्त उदाहरणों में 'क' वाक्य साधारण
तरीके से तथा 'ख' वाक्य विशेष तरीके से कहे गये हैं। इसी कारण 'ख' वाक्य 'क' वाक्यों
की अपेक्षा अधिक सशक्त व प्रभावशाली हैं। इस प्रकार विशेष
शब्द प्रयोग को मुहावरा कहते हैं। मुहावरे सीधी-साधी बात को अनोखे ढंग से प्रकट करते
हैं। ये वाक्य के अंश होते हैं।
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ दिए गए हैं, इनके वाक्य बनायें :-
मुहावरा अर्थ
वाक्य
1.
स्वर्ग सिधारना मर
जाना बचपन में ही
शास्त्री जी के पिता जी स्वर्ग सिधार गए।
2.
गुदड़ी का लाल निर्धन परिवार में जन्मा गुणी व्यक्ति शास्त्री जी गुदड़ी के लाल थे।
3.
जिगर का टुकड़ा बहुत प्यारा हर कोई अपने मॉं-बाप
के जिगर का टुकड़ा होता है।
4.
जीवन लीला समाप्त होना मर जाना मीना की जीवन
लीला समाप्त हो गई।
5.
भरे मन से विदा लेना दुःखी मन
से जाना शास्त्री जी
ने भारी मन से विदा ली।
6.
चिर निद्रा में सोना मृत्यु को प्राप्त होना शास्त्री जी 11जनवरी 1966 ई. को चिर
निद्रा में सो गए।
संयोजक :- गुरप्रीत कौर, हिंदी अध्यापिका, स.ह.स. लापराँ, लुधियाना संशोधक :विनोद कुमार,हिंदी शिक्षक,स ह स बुल्लेपुर ,लुधियाना
|