कक्षा - छठी विषय
– हिंदी
पाठ - 4
इंद्रधनुष
(ऐसा धनुष जो सभी को भाये
पर वो लड़ाई के काम न आये।)
उमड़े बरसे काले मेघ,
नभ में जैसे लाखों छेद,
वर्षा थमी धरा महकी,
प्रकृति दिखती हरी-भरी।
सहसा सूर्यदेव आये,
सोने-सी किरणें लाये,
नभ पर रंगों का मेला,
अर्ध-वृत्त जैसा फैला।
यह है इन्द्रधनुष प्यारा,
सतरंगा न्यारा न्यारा,
हृदय-हार नभ रानी का
मोहित मन हर प्राणी का।
सुंदर यह प्रभु का झूला,
देख देख कर मन फूला,
झूला प्रभु के आँगन में,
किरणें झूलें सावन में।
वर्षा ऋतु मुस्काती है,
सतरंगी हो जाती है,
आओ हम भी मुस्काएं
रंग खुशी के बिखराएं ।
अभ्यास
1)
नीचे गुरुमुखी और देवनागरी लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखने
का अभ्यास करें :-
ਰੰਗ = रंग pRਭੂ = प्रभु
iਕਰਨਾਂ = किरणें ਖੁਸ਼ੀ = खुशी
2) नीचे एक ही अर्थ के लिए पंजाबी और हिंदी भाषा में शब्द दिये गये
हैं। इन्हें ध्यान से पढ़ें और हिंदी शब्दों को लिखें :-
ਬੱਦਲ = मेघ ਸਤਰੰਗੀ
ਪੀਂਘ = इन्द्रधनुष
ਅਕਾਸ਼ = नभ ਧਰਤੀ = धरा
ਛੇਕ = छेद iਵਹੜਾ = आँगन
ਵਰਖਾ, ਮੀਂਹ =
वर्षा ਕੁਦਰਤ = प्रकृति
ਅਚਾਨਕ = सहसा ਝੂਲਾ = झूला
3)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखें :-
(क) कविता में बादलों का रंग
कैसा बताया गया है?
उत्तर - काला।
(ख) वर्षा के बाद प्रकृति
कैसी दिखाई देती है?
उत्तर - हरी-भरी।
(ग) वर्षा के बाद सूर्य
दिखाई देने पर नभ पर क्या दिखाई देता है?
उत्तर - इंद्रधनुष।
(घ) इन्द्रधनुष का आकार कैसा होता
है?
उत्तर - अर्ध-वृत्त जैसा।
(ङ) कवि ने इन्द्रधनुष
के लिए अन्य कौन-सा शब्द प्रयोग किया है?
उत्तर - प्रभु का झूला।
4) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार वाक्यों में लिखें :-
(क) सावन के महीने में प्रकृति
हरी-भरी क्यों दिखाई देती है?
उत्तर - सावन के महीने में खूब वर्षा होने से
पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाने पर प्रकृति हरी-भरी दिखाई देती है।
(ख) इस माह की अन्य क्या
विशेषताएँ हैं?
उत्तर - सावन के महीने में बदल उमड़-घुमड़ कर
आते हैं और वर्षा होती है जिससे प्रकृति हरी-भरी दिखाई देती है।
सावन के महीने में इंद्रधनुष भी दिखाई
देता है जो प्रत्येक व्यक्ति के मन को मोह लेता है।
(ग) वर्षा ऋतु से हमें मुस्कराते
रहने का क्या संदेश मिलता है?
उत्तर - वर्षा ऋतु से हमें संदेश मिलता है कि
जैसे वर्षा होने से सारी प्रकृति हरी-भरी हो जाती है वैसे ही मनुष्य को भी
हमेशा मुस्कुराते रहना चाहिए और दूसरों
के जीवन में खुशियॉं बिखेरनी चाहिए।
5) इन्द्रधनुष के चित्र को देखो और नीचे दिए गये शब्दों के पर्याय ढूँढ़कर लिखें :-
प्रभु = परमात्मा, ईश्वर
मेघ = जलद, बादल
नभ
= आकाश, गगन
किरण = कर, मयूख
6) कविता की पंक्तियाँ पूरी करो
:-
(क) वर्षा थमी धरा महकी,
प्रकृति दिखती हरी भरी।
(ख) नभ पर रंगों का मेला,
अर्ध वृत्त जैसा फैला।
(ग) हृदय हार नभ रानी का,
मोहित मन हर प्राणी का।
7) पढ़ो, समझो और दो-दो नए शब्द लिखो :-
र् + य = र्य =
सूर्य, कार्य प् + र = प्र = प्रकृति,
प्रश्न
र् + म = र्म = धर्म, कर्म क् + र = क्र
= क्रम, क्रय
र् + च = र्च = मिर्च, खर्च द् + र = द्र =
कद्र, द्रविड़
र् + षा = र्षा = वर्षा, वर्षान्त ब् + र = ब्र =
कब्र, ब्राज़ील
संयोजक :- गुरप्रीत कौर, हिंदी अध्यापिका, स.ह.स. लापराँ, लुधियाना
संशोधक :- विनोद कुमार, हिंदी शिक्षक, स. ह. स. बुल्लेपुर,लुधियाना
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