कहती अपलक तरावलि,
अपनी
आँखों का अनुभव,
अवलोक
आँख आंसू की
भर
आतीआँखें नीरव
प्र:-1.तारों
की पंक्तियां संसार को एकटक देख रही हैं। (हाँ अथवा नहीं)
प्र:-
2.सारे जग का जीवन सुख से भरा हुआ है।( सही अथवा गलत)
प्र:-
3. कहती अपलक ……अपनी आंखों का अनुभव।(रिक्त स्थान भरें। )
प्र:-
4.सही मिलान करें :-
नीरव पंकज
मौन
जल
प्र:-
5.प्रस्तुत पद्यांश का केंद्रीय भाव संसार के लोगों के दुख के प्रति तारों की सहानुभूति
का चित्रण करना है। (सही अथवा गलत)
उत्तर तालिका:- (1) हाँ (2) गलत (3) तारावलि(4)
मौन (5) सही
प्रस्तुति:-
पूजा
रानी, हिन्दी अध्यापिका, स.स.स.स्कूल, बोड़ा, ज़िला:- होशियारपुर ।