कक्षा दसवीं हिंदी-2 अभ्यास शीट-87

   काव्य  पंक्तियों पर आधारित प्रश्न           

                  हंसमुख प्रसून सिखलाते,

                  पल भर है जो हँस पाओ।

                  अपने उर की सौरभ से ,

                  जग का आँगन भर जाओ।

 

प्र:- 1. फूल हमें सदा मुस्कुराते रहने का संदेश देते हैं।( हाँ अथवा नहीं)

प्र:- 2. मनुष्य का जीवन क्षणभंगुर नहीं है।(सही अथवा गलत)

प्र:- 3.अपने ……की सौरभ से जग का आंगन भर जाओ।( रिक्त स्थान की पूर्ति करें ।)

प्र:- 4.सही मिलान करें :-

        सौरभ         सुबह

                         सुगंध

                         रोशनी

प्र:- 5.प्रस्तुत पद्यांश का केंद्रीय भाव मानव को फूलों के जैसे संसार को खुश तथा समृद्ध बनाने की प्रेरणा देना है । (सही अथवा गलत)

 

 

उत्तर तालिका:- (1) हाँ (2)गलत (3) उर (4) सुगंध (5) सही

 

 

प्रस्तुति:-

पूजा रानी, हिन्दी शिक्षिका, स.स.स.स्कूल, बोड़ा, ज़िला:- होशियारपुर ।