कक्षा-8 (द्वितीय भाषा )
कविता भाग ( पद्यांश)
1)निम्नलिखित पद्यांश में से दिए गए प्रश्नों के उचित विकल्प चुनिए-
बहन आज फूली समाती न मन में,
तड़ित आज फूली समाती न घन में।
घटा है न फूली समाती गगन में,
लता आज फूली समाती न वन में ।।
कहीं राखियाँ हैं, चमक है कहीं पर,
कहीं बूँद है, पुष्प प्यारे खिले हैं ।
ये आई है राखी, सुहाई है पूनी,
बधाई उन्हें जिनको भाई मिले हैं।
1)बहन कहाँ फूली नहीं समाती?
(क) घर में (ख) स्कूल में (ग) खेल के मैदान में (घ) मन में
2)कैसे पुष्प खिले हैं?
(क) प्यारे (ख) रंग-बिरंगे (ग) लाल (घ) सुंदर
3)जिनको भाई मिले हैं बहन उन्हें क्या देती है?
(क) मिठाई (ख) भेंट (ग) बधाई (घ) राखी
4)प्रस्तुत पद्यांश किस कविता से लिया गया है?
(क) हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती (ख) राखी की चुनौती (ग) माँ (घ) नवयुवकों के प्रति
5) 'तड़ित' का क्या अर्थ है?
(क) तोड़ना (ख) बिजली (ग) घन (घ) गगन
2•निम्नलिखित पद्यांश में से दिए गए प्रश्नों के उचित विकल्प चुनिए-
मर्यादित रहना उसका व्यवहार है। माँ का
सहनशीलता उसका उपहार है।
जब निःस्वार्थ सेवा भाव जगाती माँ
तब धरती बन जाती माँ
केवल देने में उसका विस्तार है
चरणों में उसके स्वर्गद्वार है।
1)माँ का व्यवहार कैसा है?
(क) अच्छा (ख) चिड़चिड़ा (ग) मर्यादित (घ) खुशमिज़ाज
2)माँ का उपहार क्या है?
(क) सहनशीलता (ख) कपड़े (ग) मिठाई (घ) साईकिल
3) निःस्वार्थ सेवा भाव जगा कर माँ क्या बन जाती है?
(क) धरती (ख) पक्षी (ग) सखी (घ) प्रकृति
4)केवल देने में माँ का क्या होता है?
(क) सम्मान (ख) अपमान (ग) बलिदान (घ) विस्तार
5) माँ के चरणों में किसका द्वार है?
(क) स्कूल का (ख) मंदिर का (ग) अस्पताल का (घ) स्वर्ग का
अभ्यास के हल-
पद्यांश-1 (1)मन में (2)प्यारे (3) बधाई (4) राखी की चुनौती (5)बिजली
पद्यांश-2 (1) मर्यादित (2) सहनशीलता (3) धरती (4)विस्तार (5)स्वर्ग का
तैयारकर्ता:- किरन(हिंदी शिक्षिका) सरकारी मिडल स्कूल जोगेवाला (पटियाला)