सम्बन्धबोधक

 

सम्बन्धबोधक

 

·      डल झील के चारों ओर देवदार के पेड़ हैं ।

·      घरों के सामने बाँस के अनगिनत वृक्ष हैं ।

उपर्युक्त वाक्यों में के चारों ओर,  के सामने शब्द संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों के साथ आकर उनका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों के साथ बता रहे हैं । अतः ये सम्बन्धबोधक हैं ।

 


 

     वाक्य में जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ जुड़कर उनका संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों  से जोड़े या बताए ,

     उन्हें सम्बन्धबोधक कहते हैं । जैसे -

 

 

अन्य सम्बन्धबोधक शब्द - पहले, बाद, आगे, पीछे, बाहर, भीतर, ऊपर, नीचे, पास, अनुसार, तरह, समान, बिना, कारण, तक, भर, संग, साथ, के मारे, बगैर, रहित, सिवाय आदि ।

   वाक्य में इन सम्बन्धबोधक अविकारी शब्दों को निकालने से वाक्य का अर्थ नहीं रह जाता ।

सम्बन्धबोधक का प्रयोग दो प्रकार से होता है :-

(1)विभक्तियों के साथ

(2) विभक्तियों के बिना

 

(1) विभक्तियों के साथ सम्बन्ध बोधक शब्द प्रमुख रूप से निम्नलिखित तरह से प्रयुक्त होते हैं :-

(i) हमने चिन्मय तपोवन की ओर प्रस्थान किया ।

(ii) वीर सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिये ।

(iii) पालम की घाटी सुन्दरी की तरह प्रतीत होती है ।

(2) विभक्तियों के बिना सम्बन्ध बोधक शब्द इस प्रकार प्रयुक्त होते हैं :-

(i) मैं जीवन भर इस यात्रा को याद रखूँगी ।

(ii) ज्ञान बिना जीवन बेकार है ।

(iii) मुझे कई दिनों तक घर की याद नहीं आयी ।

(iv) सड़क पर काली सफेद लकीर लगायी गयी है ।