कविता भाग से पद्यांशों से प्रश्नोत्तर - कक्षा आठवीं

 

कविता भाग से पद्यांशों से प्रश्नोत्तर

1.   प्रस्तुत पद्यांशों  को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दें-

(क)      असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो,

क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो,

जब तक न सफल हो, नींद चैन से त्यागो तुम,

संघर्ष करो मैदान छोड़ो मत भागो तुम,

कुछ किए बिना ही जय-जयकार नहीं होती,

हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती।

प्रश्न 1. उपर्युक्त पद्यांश के अनुसार हमें असफलता को चुनौती के रूप में स्वीकार करना चाहिए। (हाँ/नहीं)

प्रश्न 2. रिक्त स्थान भरें 'संघर्ष करो मैदान छोड़ो___ भागो तुम।

प्रश्न 3. उपर्युक्त पद्यांश में आये शब्द 'हिम्मत' का अर्थ हौसला है। (सही /ग़लत)

प्रश्न 4. उपर्युक्त पद्यांश के अनुसार जब सफलता न मिले तब प्रयास करने छोड़ देने चाहिए । (सही / ग़लत)

प्रश्न 5. उपर्युक्त पद्यांश का मूल भाव क्या है? (सफल होने तक लगातार कोशिश करते रहना / असफल होने पर कोशिश करना छोड़ देना)

 

(ख)      मैं हूँ बहन, किंतु भाई नहीं है,

राखी सजी, पर कलाई नहीं है।

हैं भादों, घटा किंतु छाई नहीं है।

नहीं है खुशी, पर रुलाई नहीं है ।।

प्रश्न:-1.इस कविता में आई बहन का भाई जेल में है। (हाँ/ नहीं )

प्रश्न:-2.रिक्त स्थान भरें :- है ……. सजी पर कलाई नहीं है।

प्रश्न:-3.उपर्युक्त पद्यांश में आए शब्द ‘घटा’ का अर्थ ‘बादल’ है। (सही /गलत)

प्रश्न:-4.भाई न होने के कारण बहन रो रही है। (सही/ गलत)

प्रश्न:-5. उपर्युक्त पद्यांश का मूल भाव क्या है?( देश प्रेम पर गर्व करना/देश प्रेम का सम्मान ना करना)

                    

(ग)        दो पथ, असंयम और संयम हैं तुम्हें अब सब कहीं ।।

पहला अशुभ है, दूसरा शुभ है इसे भूलो नहीं।"

पर मन प्रथम की ओर ही तुम को झुकावेगा अभी,

यदि तुम न सम्भलोगे अभी तो फिर ने संभलोगे कभी ॥

 

प्रश्न :- 1.नवयुवकों के सम्मुख दो पथ संयम और असंयम हैं। (सही /गलत)

प्रश्न:- 2 रिक्त स्थान भरें:  पर ………. प्रथम की ओर ही तुमको झुकावेगा अभी।

प्रश्न 3 उपर्युक्त पद्यांश में आए ‘प्रथम’ शब्द का अर्थ ‘दूसरा’ है।(सही/ गलत)

प्रश्न :-4 यह कविता देश के नवयुवकों को संबोधित की गई है।( हाँ/ नहीं)

प्रश्न:- 5 उपर्युक्त पद्यांश का केंद्रीय भाव क्या है?

 नवयुवकों को साहसपूर्वक काम करने की शिक्षा देना/नवयुवकों को डराना)

 

(घ)        पानी से खेतों में सोना, नाचे गेहूँ-गाए झोना।

पानी है तो सब है दूना, बिन पानी कत्था क्या चूना।

पानी है तो है ज़िन्दगानी, पानी खत्म तो खत्म कहानी।

जीवन की कश्ती को, आकर नई रवानी दे।

रब्बा मींह दे.......

 

प्रश्न:- 1.पानी के बिना भी खेतों में अनाज पैदा हो सकता है ।(सही/ गलत)

प्रश्न:-2.रिक्त स्थान भरें:-पानी है तो सब है______ ।

प्रश्न :-3.‘खेतों में सोना’ शब्द का अर्थ ‘अच्छी फसल’ है। (हाँ/ नहीं)

प्रश्न :-4.पानी के नष्ट होने से ही सब कुछ नष्ट हो जाएगा (सही /गलत)

प्रश्न :-5.प्रस्तुत पद्यांश का केंद्रीय भाव क्या है?( पानी के महत्व पर प्रकाश डालना/ फसल के महत्व पर प्रकाश डालना)

 

(ङ)जब हर विपदा को हराती माँ

तब हिमालय बन जाती माँ।

साहस उसका हथियार है

ऊर्जा उसमें अपार है।

प्रश्न:1.हर विपदा को हराने पर माँ हिमालय बन जाती है। (सही/गलत)

प्रश्न :2.विपदा शब्द का अर्थ हथियार है। (हाँ/ नहीं)

प्रश्न :3.रिक्त स्थान भरें : साहस उसका ………है।

प्रश्न :4. माँ में ऊर्जा की कमी पाई जाती है। ( सही /गलत)

प्रश्न:5.उपर्युक्त पद्यांश का केंद्रीय भाव क्या है?( माँ के साहस का वर्णन करना/ हिमालय के गुणों का वर्णन करना)

 

(च)दौलत पाय न कीजिए; सपने में अभिमान ।

चंचल जल दिन चारि को; ठाऊँ न रहत निदान।

ठाऊँ न रहत निदान; जियत जग में यश लीजै ॥

मीठे वचन सुनाय; विनय सब ही की कीजै ॥

कह गिरधर कविराय; अरे यह सब घट तौलत ।

पाहुन निशि दिन चारि; रहत सब ही के दौलत ॥

प्रश्न:-1.हमें दौलत पाकर अभिमान करना चाहिए?  (सही/ गलत)

प्रश्न: 2 .हमें मीठे वचन बोलने चाहिए।(हाँ/ नहीं)

प्रश्न: 3.रिक्त स्थान की पूर्ति करें:- ______ सब ही की कीजै।

प्रश्न :4.‘पाहुन’शब्द का अर्थ पत्थर है। (सही/ गलत)

प्रश्न :-5.प्रस्तुत पद्यांश का केंद्रीय भाव क्या है? (अभिमान करने की शिक्षा देना / अभिमान ना करने की शिक्षा देना)