पाठ - 17 श्री गुरु नानक देव जी (डॉ. सुखविन्द्र कौर बाठ)
अभ्यास
(क) विषय बोध
1) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए-
1) गुरु नानक देव जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर- गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को सन् 1469 ई. में ज़िला शेखूपुरा के तलवंडी (अब पाकिस्तान) गाँव में हुआ।
2) गुरु नानक देव जी के माता और पिता का क्या नाम था?
उत्तर- गुरु नानक देव जी के माता का नाम तृप्ता देवी और पिता का नाम मेहता कालू था।
3) गुरु नानक देव जी ने छोटी आयु में ही कौन-कौन सी भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया था?
उत्तर- गुरु नानक देव जी ने छोटी आयु में ही पंजाबी, फ़ारसी, हिंदी तथा संस्कृत भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया था।
4) गुरु नानक देव जी को किस व्यक्ति ने दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन संबंधी कार्यों में लगाने का प्रयास किया था?
उत्तर- गुरु नानक देव जी को उनके पिता मेहता कालू जी ने दुनियावी तौर पर जीविकोपार्जन संबंधी कार्यों में लगाने का प्रयास किया था।
5) गुरु नानक देव जी को दुनियादारी में बाँधने के लिए इनके पिता
जी ने क्या किया?
उत्तर- गुरु नानक देव जी को दुनियादारी में बाँधने के लिए आपके पिता जी ने आपकी शादी देवी सुलखनी से कर दी।
6) गुरु नानक देव जी के कितनी सन्तानें थीं और उनके नाम क्या थे?
उत्तर- गुरु नानक देव जी के दो सन्तानें थीं। उनके नाम लखमी दास और श्री चंद थे।
7) इस्लामी देशों की यात्रा के दौरान आपने किस धर्म की शिक्षा दी?
उत्तर- इस्लामी देशों की यात्रा के दौरान आपने सांझे धर्म की शिक्षा दी।
8) 'श्री गुरु ग्रंथ' साहिब में गुरु नानक देव जी के कुल कितने पद और श्लोक हैं?
उत्तर- 'श्री गुरु ग्रंथ' साहिब में गुरु नानक देव जी के कुल 974 पद और श्लोक हैं।
9) श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य कितने राग हैं?
उत्तर- श्री गुरु ग्रंथ साहिब में मुख्य 31 राग हैं।
10) गुरु नानक देव जी के जीवन के अन्तिम वर्ष कहाँ बीते?
उत्तर- गुरु नानक देव जी के जीवन के अन्तिम वर्ष करतारपुर में बीते, जो अब पाकिस्तान में है।
11) - गुरु नानक देव जी के जन्म के संबंध में भाई गुरदास जी ने कौन-सी तुक लिखी ?
उत्तर - भाई गुरदास जी ने लिखा था-
'सुनी पुकार दातार प्रभु,
गुरु नानक जग माहिं पठाया।'
12) - गुरु नानक देव जी पढ़ने के लिए किन-किन के पास गए थे?
उत्तर - सात वर्ष की आयु में गुरु नानक देव जी को पांडे के पास पढ़ने के लिए भेजा गया । मौलवी सैय्यद हुसैन और पंडित बृजनाथ ने भी उन्हें पढ़ाया । छोटी-सी आयु में ही इन्होंने पंजाबी, फ़ारसी, हिंदी, संस्कृत आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त कर लिया था।
2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए-
1) - साधुओं की संगति में रहकर गुरु नानक देव जी ने कौन-कौन से ज्ञान प्राप्त किए?
उत्तर - साधुओं की संगति में रहकर गुरु नानक देव जी ने भारतीय धर्म और विभिन्न संप्रदायों का ज्ञान प्राप्त किया । भारतीय धर्म ग्रंथों और शास्त्रों का भी ज्ञान आपको साधुओं की संगति से मिला।
2) - गुरु नानक देव जी ने यात्राओं के दौरान कौन-कौन से महत्वपूर्ण शहरों की यात्रा की?
उत्तर - गुरु नानक देव जी ने यात्राओं के दौरान आसाम, लंका, ताशकंद, मक्का- मदीना आदि शहरों की यात्रा की। आपने हिमालय पर स्थित योगियों के केंद्रों की भी यात्रा की। आपने हिंदू, मुसलमान सब को सही मार्ग दिखाया ।
3) गुरु नानक देव जी ने तत्कालीन भारतीय जनता को किन बुराइयों से स्वतन्त्र कराने का प्रयास किया?
उत्तर- गुरु नानक देव जी ने तत्कालीन भारतीय जनता को धार्मिक आडंबरों तथा संकीर्णताओं से स्वतंत्र कराने का प्रयास किया। उन्होंने भारतीय जनता के सामने वास्तविक सत्य को प्रस्तुत कर दिया, जिससे संकीर्ण विचार और आडंबर अपने आप ही ढीले पड़ गए।
4) - गुरु नानक देव जी की रचनाओं के नाम लिखें?
उत्तर - गुरु नानक देव जी की रचनाएँ जपुजी साहिब, आसा दी वार, सिद्ध गोष्टि, पट्टी, दक्खनी ऊँकार, पहरे- तिथि, बारह माह, सुचज्जी-कुचज्जी, आरती आदि हैं।
3) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छह या सात वाक्यों में दीजिए-
प्रश्न:-1.
जिस समय श्री गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ उस समय भारतीय समाज की क्या
स्थिति थी?
उत्तर:-
1. समाज में अनेक बुराइयों का बोलबाला :-
जिस समय श्री गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ ,उस समय समाज में अनेक बुराइयों का बोलबाला था। जैसे:- बाल विवाह,
सती प्रथा आदि।
2.अनेक जातियों तथा संप्रदायों में समाज
का विभाजन :-
श्री गुरु नानक देव जी के समय समाज अनेक प्रकार की जातियों , संप्रदायों और धर्मों में बंटा हुआ था। धर्म के नाम पर आपस में बहुत भेदभाव
किया जाता था।
3 लोगों की रूढ़िवादी सोच :-
श्री गुरु नानक देव जी जी के समय लोगों के विचार बहुत ही संकीर्ण थे। वे
अनेक प्रकार की रूढ़ियों में फंसे हुए थे ।वे घृणा करने योग्य कार्यों में लगे रहते थे।
4.धर्म के नाम पर दिखावे का बोलबाला :-
समाज में धर्म केवल नाम मात्र ही रह गया था। धर्म के नाम पर दिखावे का
बोलबाला था।
5.शासकों के द्वारा आम जनता का शोषण :-
शासक वर्ग के द्वारा साधारण जनता का बुरी तरह से शोषण किया जाता था। दलितों
पर भी बहुत से अत्याचार किये जाते थे।
प्रश्न:-2.गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्राओं के दौरान कहाँ-कहाँ और किन-किन लोगों को क्या उपदेश दिए?
उत्तर- श्री गुरु नानक देव जी ने 1499 ई. से लेकर 1522 ई. के समय में पूर्व, पश्चिम, उत्तर तथा दक्षिण दिशाओं में चार उदासियाँ (यात्राएँ) कीं। इन यात्राओं में आपने क्रमशः आसाम, मक्का मदीना, लंका तथा ताशकन्द तक की यात्राएँ कीं। इसी समय के दौरान ही आपने करतारपुर नगर बसाया। यात्राओं के दौरान ही आपने कई स्थानों पर उचित उपदेश द्वारा भटके हुए जनमानस को सुरुचिपूर्ण मार्ग दर्शाया। कश्मीर के पंडितों से विचार- विमर्श किया। हिमालय पर योगियों को सही धर्म सिखाया तथा योगी सिद्धों को जन-सेवा का उपदेश दिया। हिंदुस्तान में घूमते समय आपका अनेक पीरों-फ़कीरों, सूफ़ी-संतों के साथ भी तर्क-वितर्क हुआ। मौलवी व मुसलमानों को आपने सही रास्ता दिखाया। इस्लामी देशों में यात्राओं द्वारा आपने 'साँझे' धर्म की शिक्षा दी। लगभग बाईस वर्ष आप घूम फिर कर धर्म का प्रचार करते रहे।
प्रश्न:- 3.श्री गुरु नानक देव जी की वाणी की विशेषता अपने शब्दों में लिखिए ।
उत्तर :-
1. आदि ग्रंथ साहब में स्थान:-
श्री गुरु नानक देव जी की वाणी के 974
पद और श्लोक आदि ग्रंथ साहिब में संकलित हैं।
2.सृष्टि,
जीव तथा ब्रह्मा के संबंध में चर्चा :-
श्री गुरु नानक देव जी की वाणी में सृष्टि की उत्पत्ति, ब्रह्मा जी तथा जगत के संबंध में विस्तार
से चर्चा की गई है।
3.अकाल पुरुष के स्वरूप का वर्णन :-
श्री गुरु नानक देव जी की वाणी में अकाल पुरुष के स्वरूप का वर्णन करते
अकाल पुरुष को निराकार ,सर्वव्यापी तथा सर्वशक्तिमान बताया गया
है।
4.माया से दूर रहने का उपदेश :-
श्री गुरु नानक देव जी की वाणी में माया के विविध रूपों का वर्णन करते हुए
उस से दूर रहने का उपदेश दिया गया है।
5.अद्भुत तथा अनूठी शैली :-
अपनी वाणी में श्री गुरु नानक देव जी ने भाषा का प्रयोग
किया है वह अद्भुत और अनूठी है, इसे समझना साधारण मानव के लिए बिल्कुल भी कठिन नहीं है।
(ख) भाषा-बोध
1) निम्नलिखित की संधि विच्छेद कीजिए:
परमात्मा =
परम + आत्मा पतनोन्मुखी =
पतन + उन्मुखी
जीविकोपार्जन = जीविका + उपार्जन संगीताचार्य =
संगीत + आचार्य
देवोपासना = देव + उपासना परमेश्वर =
परम + ईश्वर
2) निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाइए :-
शब्द विशेषण
शब्द विशेषण
समाज सामाजिक धर्म धार्मिक
अर्थ आर्थिक
परस्पर पारस्परिक
राजनीति राजनैतिक पंडित पांडित्य
सम्प्रदाय साम्प्रदायिक भारत भारतीय
अध्यात्म आध्यात्मिक पंजाब पंजाबी
3) निम्नलिखित शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाइए :-
महान महानता
सरल सरलता
सहज सहजता हरा हरियाली
समान समानता
शांत शांति
लेखन - विनोद कुमार (हिंदी शिक्षक)स.ह.स.बुल्लेपुर,लुधियाना
गुरप्रीत कौर(हिंदी शिक्षिका) स ह स लापरा लुधियाना
संशोधक – डॉ॰ राजन (हिंदी शिक्षक)लोहारका
कलां, अमृतसर