जो कुछ पढ़ो तुम कार्य में भी साथ ही परिणत करो,
सब
भक्तवर प्रहलाद की निम्नोक्ति को मन में धरो-
“ कौमार में ही भागवत धर्माचरण कर लो यहाँ
नर
जन्म दुर्लभ और वह भी अधिक रहता है कहाँ।।”
उपर्युक्त
पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:-
प्र:-
1’परिणत करना’ से लेखक का भाव जीवन में अपनाने से है।( हाँ अथवा नहीं)
प्र:-
2. मानव जन्म सुलभ है।( हाँ अथवा नहीं)
प्र:-
3……. में ही भागवत धर्माचरण कर लो। (रिक्त स्थान भरें)
प्र:-
4 ‘कौमार’ शब्द का सही अर्थ से मिलान करें:-
कौमार. युवावस्था
बचपन
धर्म
प्र:-
5. उपर्युक्त पद्यांश का केंद्रीय भाव भक्त प्रहलाद के संदेश के द्वारा
नवयुवकों को जगाने का प्रयास करना है। (सही
अथवा गलत)
होशियारपुर ।