कक्षा दसवीं अभ्यास शीट-71

 

   प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें:-

 

                

 

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।

बरनऊँ रघुबर विमल जसु, जो दायकु फल चारि ।।

 

जड़ चेतन गुन दोषभय, बिस्व कीन्ह करतार ।

संत हंस गुन गहहिं पय, परिहरि बारि विकार।।

 

( i.) श्री राम जी के निर्मल यश का काम करने से धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष चार पल मिलते हैं।                           

 ( हाँ अथवा नहीं )   हाँ

( ii.) संत हंस की भांति नीर क्षीर विवेक रखते हैं ।   (सही / गलत ) सही

( iii.) ईश्वर ने इस समस्त जड़ चेतन संसार को गुण और………से  युक्त बनाया है।  (रिक्त स्थान भरें। ) दोष

( iv.) प्रथम दोहे के आधार पर 'रज' शब्द का सही अर्थ से मिलान करें।

         रज                   मन भरना

                                  धूलि

( v.) 'श्री गुरु चरण सरोज रज' दोहे में तुलसीदास जी ने श्री राम जी की  भक्ति से होने वाले लाभ के बारे में बताया है। 

                             ( सही / गलत )  सही

 

लेखन:- पूजा रानी, हिन्दी शिक्षिका, स.स.स.स्कूल, बोड़ा, होशियारपुर ।