कक्षा दसवीं अभ्यास शीट-69

 निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के निर्देशानुसार उत्तर दीजिए।

 पर सुख संपति देखि सुनि, जरहिं जे जड़ बिनु आगि।

     तुलसी तिन के भाग ते , चलै भलाई भागि।।

 

   बिन बिस्वास भगति नहिं, तेहि विनु द्रवहि न राम।

      राम कृपा बिनु सपनेहुँ, जीवन लह विश्राम।।

 

( i.)'जरहिं जे जड़ बिन आगि' का अर्थ  'ईर्ष्या करना'  है। ( हाँ / नहीं )

 ( ii. ) जो दूसरों के सुख संपत्ति से नहीं जलते हैं, उनके भाग्य से भलाई भाग जाती है।  ( हाँ / नहीं )

 ( iii. ) बिना……. के भक्ति संभव नहीं। ( रिक्त स्थान भरिए ) विश्वास

 ( iv. ) ' पर ' शब्द का  प्रथम दोहे के आधर पर सही अर्थ से मिलान कीजिए।

          पर     -   लेकिन

                        पंख

                       दूसरों के

 ( v. )क्या 'बिनु बिस्वास भगति नहिं' दोहे का केन्द्रीय भाव श्रीराम     ‌पर अखंड विश्वास रखते हुए भक्ति करने की शिक्षा देना है ? ( हाँ / नहीं )

 लेखन:- पूजा रानी, हिन्दी शिक्षिका , स.स.स.स्कूल, बोड़ा, होशियारपुर ।