कक्षा दसवीं अभ्यास शीट-66
मुहावरे/लोकोक्तियाँ
नीचे दिए गए मुहावरों के अर्थ समझकर वाक्य बनाइए :
1.
अपने पैरों पर खड़े होना - (आत्मनिर्भर
होना) - समाज में अपने पैरों पर खड़े होने वाले का बहुत सम्मान होता है ।
2.
आँच न आने देना - (किसी तरह का नुकसान
न होने देना) - हमें अपने देश की मान-मर्यादा पर आँच नहीं आने देनी चाहिए।
3.
उन्नीस-बीस का अंतर होना - (बहुत कम
अंतर होना) - रवि और राजन की उम्र में उन्नीस-बीस का अंतर है ।
4.
कान में तेल डाल लेना - (बात न सुनना)
- रजनी को कितना बुलाओ सुनती ही नहीं, लगता है उस ने कान में तेल डाल लिया है।
5.
गले का हार - (बहुत प्यारा) - राम अपने माता-पिता
के गले का हार है ।
6.
चैन की बंसी बजाना - (सुखपूर्वक रहना)
- जसबीर सिंह सेवानिवृत्ति के बाद चैन की बंसी बजा रहा है ।
7.
तिल का ताड़ बनाना - (छोटी सी बात को
बढ़ाना) - सुधीर की ज़रा-सी डाँट को अपने ऊपर आरोप समझना रवि का तिल का ताड़ बनाना है
।
8.
दाँतों में जीभ होना - (चारों ओर विरोधियों
से घिरे रहना) - चुनाव के दंगल में परमवीर सिंह ऐसे घिर गया जैसे दाँतों में जीभ हो।
9.
पीठ दिखाना - (हारकर भाग जाना) - भारतीय
सेना का आक्रामक रुख देख कर शत्रु सेना पीठ दिखा गई ।
10.
मुँह में पानी भर आना - (ललचाना) -
लड्डू को देखकर रमेश के मुँह में पानी भर आया ।
नीचे दिए गए लोकोक्तियों के
अर्थ समझकर वाक्य बनाइए :
1.
अपना वही जो आवे काम - (मित्र वही है
जो मुसीबत में काम आए) - जसबीर सिंह की बेटी की शादी में जब उसे कुछ रुपयों की ज़रूरत
पड़ी तब रविन्द्र सिंह ने उसे मुँह- माँगी रकम तुरंत दे
दी तो जसबीर सिंह कह उठा - अपना वही जो आवे काम ।
2.
आग लगाकर पानी को दौड़ना - (झगड़ा कराने
के बाद स्वयं ही सुलह कराने बैठना) - पहले तो पिंकी हरमन से लड़ती रही फिर स्वयं ही
उसे मनाने लगी तो हरमन ने कहा तुम तो आग लगा कर पानी को दौड़ने का काम कर रही हो ।
3.
उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे - (अपराध करने
वाला उल्टी धौंस जमाए) - रवि ने साइकिल से ठोकर मार कर वृद्ध को गिरा दिया और फिर उसे
बुरा-भला कहने लगा, इसी को कहते हैं उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे ।
4.
ओस चाटे प्यास नहीं बुझती - (अधिक आवश्यकता
वाले को थोड़े - से संतुष्टि नहीं होती) - हाथी का पेट एक केले से नहीं भरता उसे तो
कई दर्जन केले खाने के लिए देने होंगे क्योंकि उसकी ओस चाटे प्यास नहीं बुझती ।
5.
कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये
- (धनी प्रायः चिन्तित रहते हैं और निर्धन निश्चिंत रहते हैं) - राजकुमार करोड़ों का
मालिक है । उसे अपने धन की सुरक्षा की सदा चिंता बनी रहती है। जबकि फकीरचंद फक्कड़ है,
इसलिए सदा खुश रहता है । इसीलिए कहते हैं कि कोठी वाला रोये छप्पर वाला सोये।
6.
बन्दर घुड़की, गीदड़ धमकी - (झूठा रौब
दिखाना) - त्रिलोक कुछ करता-धरता नहीं है। बेकार ही सब को बंदर घुड़की, गीदड़ धमकी देकर
डराता रहता है।
7.
बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय
- (पुरानी एवं दुःखपूर्ण बातों को भूलकर भविष्य के लिए सावधानी बरतनी चाहिए ।) - रामदास
को व्यापार में बहुत घाटा हुआ तो सिर पकड़ कर बैठ गया तब सेवा सिंह ने उसे समझाया कि
बीति ताहि बिसारि दे, आगे की सुध लेय तब सब ठीक हो जाएगा।
8.
मन चंगा तो कठौती में गंगा - (मन शुद्ध
हो तो घर ही तीर्थ समान) - अशुद्ध मन से तीर्थाटन करने से कोई लाभ नहीं होता, घर पर
ही मानसिक शुद्धि हो जाए तो वही तीर्थाटन हो जाता क्योंकि मन चंगा तो कठौती में गंगा
होती है।
9.
सावन हरे न भादौं सूखे - (सदा एक जैसी दशा
रहना) - रजनीश गरीबी में पाई-पाई के लिए मरता था, अब उसका व्यापार चमक उठा है तो भी
वह पाई-पाई के लिए मर रहा है, उसकी तो सावन हरे न भादौं सूखे जैसी हालत है।
10.
हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ -
(सहायता प्रदान करने वाले को ही धमकाना) - हरभजन की स्कूटर से टक्कर हो गई तो वह गिर
पड़ा, सुजान ने उसे हाथ पकड़ कर उठाया तो वह उसी पर बरस पड़ा इसी को कहते हैं हमारी बिल्ली
हमीं से म्याऊँ।