पाठ 19
दोहावली
संत
कबीर
अभ्यास हल सहित
1. नीचे गुरुमुखी और देवनागरी
लिपि में दिये गये शब्दों को पढ़ और हिन्दी शब्दों को लिखने का अभ्यास करें :-
·
ਬਾਣੀ- बानी
·
ਪੋਥੀ-पोथी
·
ਵਿੱਦਿਆ-विद्या
·
ਪੰਡਤ-पंडित
·
ਪੱਖਾ-पंखा
·
ਕੁਟੀ-कुटी
2. निम्नलिखित प्रश्नों के
उत्तर एक दो वाक्यों में लिखें :-
प्रश्न (क) हमें कैसी वाणी बोलनी
चाहिए ?
उत्तर-हमें हमेशा मोठी वाणो बोलनी
चाहिए, जो सभी के मन को भाए ।
प्रश्न (ख) आज का काम कल पर क्यों
नहीं टालना चाहिए ?
उत्तर-आज का काम कल पर इसलिए नहीं टालना
चाहिए क्योंकि पल भर में ही प्रलय हो सकती है और मृत्यु हमें आ कर घेर सकती है।
प्रश्न (ग) विद्या कैसे प्राप्त की
जा सकती है ?
उत्तर- विद्या मेहनत करके प्राप्त की जा सकती
है ।
प्रश्न (घ) पोथी पढ़ कर भी लोग
विद्वान क्यों नहीं बन पाते ?
उत्तर-पोथी पढ़ कर भी लोग ईश्वर प्रेम
के अभाव में विद्वान नहीं बन पाते ।
प्रश्न (ङ) हमें किस
प्रकार के वचन बोलने चाहिए ?
उत्तर - हमें हमेशा सोच समझ कर वचन
बोलने चाहिए ।
प्रश्न (च) कवि ने निंदक
को अपने समीप रखने के लिए क्यों कहा है ?
उत्तर - कवि ने निंदक को अपने समीप
रखने के लिए इसलिए कहा है क्योंकि निंदक हमें हमारे अवगुणों से अवगत कराता है
जिससे हम उन्हें दूर कर सकते हैं ।
प्रश्न (छ) दूसरों में
बुराई क्यों नहीं ढूँढनी चाहिए ?
उत्तर - दूसरों में बुराई इसलिए नहीं
ढूँढनी चाहिए क्योंकि हमारे अन्दर भी बहुत बुराई छिपी होती है और सबसे पहले हमें उसे दूर करने का
प्रयत्न करना चाहिए ।
प्रश्न (ज) कवि ने संयम
बरतने के लिए क्यों कहा है ?
उत्तर-कवि ने संयम बरतने के लिए इसलिए
कहा है क्योंकि किसी भी चीज़ की अधिकता अच्छी नहीं होती ।
3. इन प्रश्नों उत्तर चार-पाँच वाक्यों में लिखेंः
प्रश्न
(क) पठित दोहों में से तुम्हें सबसे अच्छा दोहा कौन-सा लगा ? क्यों ?
उत्तर-पठित दोहो
में से मुझे निम्नलिखित दोहा सबसे अच्छा लगा:
बड़ा हुआ तो
क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर ।
पंथी को छाया
नहीं, फल लागै अति दूर ।।
क्योंकि इस दोहे
में बताया गया है कि मनुष्य की पहचान उसके बड़े होने से नहीं बल्कि उसके गुणों से
होती है। इसमे कबीर जी एक खजूर के पेड़ का उदाहरण देते हुए समझाते है कि खजूर का
पेड़ बहुत ऊँचा होता है। यह इतना ऊँचा होता है कि किसी को छाया भी नहीं दे सकता, और इसके फल भी इतने दूर लगे होते है कि कोई उन
तक आसानी से पहुंच भी नहीं सकता।
प्रश्न
(ख) इन दोहों में से आपने जो सीखा, उसे अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर-इन दोहों
से हमने निम्नलिखित बाते सीखी है :-
हमे हमेशा मीठी
बाणी बोलनी चाहिए। प्रत्येक काम समय पर करना चाहिए, उसे कल पर नहीं टालना चाहिए। बिना मेहनत के कुछ
भी प्राप्त नहीं होता। बिना सोचे-समझे कोई बात नहीं करनी चाहिए। हमे किसी की बुराई
नहीं करनी चाहिए। प्रत्येक वस्तु सीमा में ही लाभदायक रहती है।
4. इन शब्दों के हिंदी रूप
लिखें :-
·
सीतल-शीतल
·
परलय-प्रलय
·
पौन-पवन
·
आखर-अक्षर
·
नियरे-निकट
·
निरमल-निर्मल
·
सुभाय-स्वभाव
• चूप-चुप
5. इन शब्दों के पर्यायवाची
शब्द लिखें :-
·
विद्या - शिक्षा, ज्ञान, मेहनत,
·
उद्यम -पढ़ाई,परिश्रम, श्रम,
·
पोथी -पुस्तक, किताब, ग्रन्थ
·
पंथी -यात्री,राही,मुसाफिर
लेखन :- किरन हिंदी शिक्षिका, स. मि. स्कूल, जोगेवाला ,पटियाला
संयोजक :- गुरप्रीत
कौर, हिंदी अध्यापिका, स.ह.
स्कूल, लापराँ, लुधियाना
संशोधक :-
विनोद कुमार, हिंदी शिक्षक बुल्लेपुर, लुधियाना