कक्षा-नौवीं ,पाठ - 16(बचेंद्री पाल)

                                                                पाठ - 16 

                                                               बचेंद्री पाल

                                                             क) विषय-बोध

 1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए :-

 प्रश्न 1. बचेंद्रीपाल ने बचपन में क्या दृढ़ निश्चय कर लिया था?

उत्तर : बचेंद्री पाल ने बचपन में यह दृढ़ निश्चय कर लिया था कि वह परिवार में किसी से पीछे नहीं रहेगी।

प्रश्न 2. बचेंद्री पाल के माता-पिता किस बात से दुःखी थे?

उत्तर : बचेंद्री पाल के माता-पिता अपने बच्चों के सपनों की दुनिया से दुःखी थे।

प्रश्न 3. बचेंद्री पाल ने किन मैदानी खेलों में कप जीते?

उत्तर : बचेंद्री पाल ने गोला फेंक, डिस्क फेंक तथा लंबी दौड़ में कप जीते।

प्रश्न 4. बचेंद्री पाल ने कब अपने आपको पर्वतारोहण के लिए पूरी तरह समर्पित किया?

उत्तर : बचेंद्री पाल ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने आपको पर्वतारोहण के लिए पूरी तरह समर्मित किया।

प्रश्न 5. ‘रैपलिंग’ का क्या अर्थ है?

उत्तर : रैपलिंग का अर्थ है-ऊँची चट्टान अथवा हिमखंड से एक नाइलोन की रस्सी के सहारे कुछ ही क्षणों में नीचे आना।

प्रश्न 6. बचेंद्री पाल और अंग दोरजी ने बर्फ काटने के लिए किस चीज़ का इस्तेमाल किया?

उत्तर : बचेंद्री पाल और अंग दोरजी के बर्फ काटने के लिए फावड़े का इस्तेमाल किया।

प्रश्न 7. एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन है?

उत्तर : एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने वाली प्रथम भारतीय महिला बचेंद्री पाल है।

प्रश्न 8. एवरेस्ट पर आनन्द के क्षणों में बचेंद्री पाल को किन का ध्यान आया?

उत्तर : एवरेस्ट पर आनंद के क्षणों में बचेंद्री पाल को अपने माता-पिता का ध्यान आया।

प्रश्न 9. बचेंद्री पाल को कौन-कौन से पुरस्कार दिए गए ?

उत्तर : बचेंद्री पाल को पद्मश्री, अर्जुन पुरस्कार तथा प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक पुरस्कार दिए गए।

 

 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन या चार पंक्तियों में दीजिए

प्रश्न 1. दस साल की आयु में ही बचेंद्री पाल निडर और स्वतंत्र कैसे बन गई थी?

उत्तर : दस साल की आयु में ही बचेंद्री पाल जंगलों और पहाड़ी ढलानों पर प्रायः अकेली घूमती थी। वह प्रकृति के साथ स्वंतत्र होकर खेलती थी। प्रकृति के साथ इस खुलाव से निडर तथा स्वतंत्र बन गई।

प्रश्न 2. बचेंद्री पाल प्रतियोगिताओं के शुरू होने से पहले ही कौन-कौन सी दौड़ का अभ्यास करना शुरू कर देती थी ?

उत्तर : बचेंद्री पाल प्रतियोगिताओं के शुरू होने से पहले ही तीन टँगड़ी दौड़, सूई धागे वाली दौड, बोरा दौड तथा सिर पर पानी भरा मटका रखकर होने वाली दौड़ आदि का अभ्यास करना शुरू कर देती थी।

प्रश्न 3. बचेंद्री पाल ने अपनी शिक्षा कैसे प्राप्त की ?

उत्तर : बचेंद्री पाल दिन के समय केवल अपने हिस्से का ही नहीं बल्कि कहीं अधिक काम करती थी। वह अपने मित्रों से किताबें उधार लेकर देर रात तक पढ़ती थी। उसने सिलाई-कढ़ाई का काम करके अपनी पढ़ाई का खर्च उठाया।

प्रश्न 4. बचेंद्री पाल ने नेहरू संस्थान के पर्वतारोही कोर्स में क्या-क्या सीखा ?

उत्तर : बचेंद्री पाल ने नेहरू संस्थान के पर्वतारोही कोर्स में बर्फ और चट्टानों पर चढ़ने के तरीके सीखे। रैपलिंग करना सीखा। अभियान को आयोजित करने का प्रशिक्षण भी लिया।

प्रश्न 5. तेनजिंग ने बचेंद्री पाल की तारीफ में क्या कहा ?

उत्तर : तेनजिंग ने बचेंद्री पाल की तारीफ में कहा कि तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।

 प्रश्न 6.एवरेस्ट पर पहुँच कर बचेंद्री पाल ने घुटनों के बल बैठ कर क्या किया ?

उत्तर : एवरेस्ट पर पहुँच कर बचेंद्री पाल ने घुटनों के बल बैठकर बर्फ पर अपना माथा लगाया और सागर माथे के ताज का चुंबन लिया। थैले से दुर्गा माँ का चित्र तथा हनुमान चालीसा निकाला। उन्हें लाल कपड़े में लपेटकर छोटी सी पूजा की तथा बर्फ में दबा दिया।

 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पाँच-छ: पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1. बचेंद्री पाल का चरित्र-चित्रण कीजिए।

उत्तर : बचेंद्री पाल का जन्म उत्तरांचल के चमौली जिले में बंपा गाँव में 24 मई, सन् 1954 ई० को हुआ। इनकी माता का नाम हंसादेई नेगी तथा पिता का नाम किशन सिंह पाल है। वह बचपन से ही निडर तथा साहसी थी। वह बहुत बड़ी स्वप्न दृष्टा थी। वह दृढ़ निश्चयी थी। उसने बचपन में ही अपने परिवार में किसी से पीछे न रहने का निश्चय कर लिया था। उसने एवरेस्ट पर चढ़ने का सपना देखा और कठिन परिश्रम से उसे पूरा किया। वह प्रतियोगिता में पूरे परिश्रम से भाग लेती थी।

प्रश्न 2. बचेंद्री पाल के एवरेस्ट की चोटी पर पहुँचने का वर्णन कीजिए।

उत्तर : बचेंद्री पाल ने 1 मई, सन् 1984 तक एवरेस्ट पर जाने की योजना की सही तैयारी कर ली थी। 8 मई को साउथ पोल पहुँच कर 9 मई को चोटी पर पहुँचने का प्रयास करना था। उसने 9 मई को प्रातः सात बजे शिखर कैंप से प्रस्थान किया। 16 मई प्रातः 8 बजे तक दूसरे कैंप में पहुँच गई। अगली सुबह 6:20 पर उसने अंग दोरजी के साथ बिना रस्सी के चढ़ाई शुरू की। उन्होंने चट्टानों पर चढ़ते हुए बर्फ को काटने के लिए फावड़े का प्रयोग किया। वे दो घंटे से पहले ही शिखर के कैंप पर पहुँच गए। इस प्रकार निरंतर बढ़ते हुए वह 23 मई, सन् 1984 को एवरेस्ट चोटी पर पहुँच गई।

                                      (ख) भाषा-बोध

1. निम्नलिखित एकवचन शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए :-

एकवचन                  बहुवचन

किताब                     किताबें

क़मीज़                        कमीज़ें

चट्टान                          चट्टानें

तकनीक                  तकनीकें

चादर                            चादरें

साँस                               साँसें

एकवचन                    बहुवचन

लड़की                         लड़कियाँ

मटका                           मटके

धागा                            धागे

परीक्षा                           परीक्षाएँ

इच्छा                              इच्छाएँ

श्रेणी                              श्रेणियाँ

2. निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए :-

शब्द           उपसर्ग     मूलशब्द

प्रवासी           प्र        वासी

प्रशिक्षण         प्र        शिक्षण

प्रशिक्षक         प्र       शिक्षक

शब्द              उपसर्ग            मूलशब्द

परिवार              परि               वार

परिश्रम              परि              श्रम

अभियान             अभि            यान

3. निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय तथा मूल शब्द अलग-अलग करके लिखिए:-

शब्द          मूलशब्द             प्रत्यय

पढ़ाई           पढ़                     आई

ऊँचाई          ऊँचा                   आई

चढ़ाई          चढ़                      आई

न्यूनतम     न्यून                      तम

शब्द             मूलशब्द               प्रत्यय

बचपन             बच्चा                   पन

सफलता          सफल                 ता

कठिनाई          कठिन               आई

सुरक्षित           सुरक्षा               इत