पाठ- 13 मैं और मेरा देश (निबंध) कक्षा-दसवीं

पाठ- 13 मैं और मेरा देश (निबंध)

कन्हैया लाल मिश्र  'प्रभाकर' (लेखक)

अभ्यास

विषय - बोध

 

1)  निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए :

प्रश्न 1. लेखक को अपनी पूर्णता का बोध कब हुआ?

उत्तर :- जब लेखक को यह पता चला कि उसे बहुतों की अपने लिए ज़रूरत पड़ती है और वह भी बहुतों की ज़रूरतों को पूरा करता है, तब उसे अपनी पूर्णता का बोध हुआ।

प्रश्न 2. मानसिक भूकम्प से क्या अभिप्राय है?

उत्तर :- मानसिक विचारों और विश्वासों में हलचल उत्पन्न होना ही मानसिक भूकम्प कहलाता है, जिससे मन में अनेक विचार आंदोलित होने लगते हैं।

प्रश्न 3. किस तेजस्वी पुरुष के अनुभव ने लेखक को हिला दिया?

उत्तर :- स्वर्गीय पंजाब केसरी लाला लाजपत राय जी के विदेश यात्रा के दौरान भारत वर्ष की गुलामी की लज्जा के कलंक के अनुभव ने लेखक को हिला दिया।

प्रश्न 4. मनुष्य के लिए संसार के सारे उपहारों और साधनों को व्यर्थ क्यों कहा?

उत्तर :- मनुष्य के लिए संसार के सभी उपहार और साधन तब व्यर्थ हो जाते हैं जब उसका देश गुलाम हो या किसी भी अन्य रूप से हीन हो।

प्रश्न 5. युद्ध मेंजय’ बोलने वालों का क्या महत्व है?

उत्तर :- युद्ध क्षेत्र में लड़ने के अतिरिक्तजय’ बोलने वाले भी सैनिकों का साहस और उत्साह बढ़ाने का कार्य करते हैं।

प्रश्न 6. दर्शकों की तालियाँ खिलाड़ियों पर क्या प्रभाव डालतीं हैं?

उत्तर :- दर्शकों की तालियों से खिलाड़ियों के पैरों में बिजली लग जाती है और गिरते खिलाड़ी भी उभर जाते हैं।

प्रश्न 7. जापान के स्टेशन पर स्वामी रामतीर्थ क्या ढूंढ़ रहे थे?

उत्तर :- जापान के स्टेशन पर स्वामी रामतीर्थ ताजे फल ढूंढ़ रहे थे।

प्रश्न 8. कमालपाशा कौन थे?

उत्तर :- कमालपाशा तुर्की के राष्ट्रपति थे।

प्रश्न 9. बूढ़े किसान ने कमालपाशा को क्या उपहार दिया?

उत्तर :- बूढ़े किसान ने कमालपाशा को मिट्टी की छोटी-सी हंडिया में पाव भर शहद उपहार में दिया।

प्रश्न 10. किसान ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को क्या उपहार दिया?

उत्तर :- किसान ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को रंगीन सुतलियों से बनी एक खाट उपहार में दी।

प्रश्न 11. लेखक के अनुसार हमारे देश को किन दो बातों की आवश्यकता है?

उत्तर :- लेखक के अनुसार हमारे देश को - शक्तिबोध और सौंदर्यबोध  इन दो बातों की आवश्यकता है।

प्रश्न 12. शल्य कौन था?

उत्तर :- शल्य महाबली कर्ण का सारथी, माद्री का भाई और नकुल सहदेव का मामा था।

2) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दीजिए:

प्रश्न 1. लाला लाजपत राय के किस अनुभव ने लेखक की पूर्णता को अपूर्णता में बदल दिया ?

उत्तर :- लाला लाजपत राय जी सारे संसार में घूमे थे। संसार के देशों में घूम कर जब वे अपने देश लौटे तो उन्होंने अपनी विदेश यात्रा का अनुभव सुनाते हुए कहा कि वे अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस और संसार के अनेक देशों में घूमे परंतु जहाँ भी गए वहाँ भारतवर्ष की गुलामी की लज्जा का कलंक उनके माथे पर लगा ही रहा। उनके इसी अनुभव ने लेखक की पूर्णता को अपूर्णता में बदल दिया था।

प्रश्न 2. स्वामी रामतीर्थ द्वारा फलों की टोकरी का मूल्य पूछने पर जापानी युवक ने क्या कहा?

उत्तर :- एक बार स्वामी रामतीर्थ जापान के स्टेशन पर ताज़े फल ढूंढ़ रहे थे और फल मिलने पर उन्होंने कहा कि शायद जापान में अच्छे फल नहीं मिलते। तभी एक जापानी युवक जो कि अपनी पत्नी को रेल में बैठाने आया था, ने उनकी यह बात सुन ली। तभी वह कहीं दूर से एक टोकरी ताज़े फल लाया और स्वामी जी को भेंट करते हुए कहा कि लीजिए, आपको ताज़े फलों की ज़रूरत थी। स्वामी जी ने उसे फल बेचने वाला समझकर उनका दाम देना चाहा तो उसने स्वामी जी से कहा कि यदि आप इनका मूल्य मुझे देना ही चाहते हैं तो वह यह है कि आप अपने देश में जाकर किसी से यह कहिएगा कि जापान में अच्छे फल नहीं मिलते।

प्रश्न 3. किसी देश के विद्यार्थी ने जापान में ऐसा कौन-सा काम किया जिससे उसके देश के माथे पर कलंक का टीका लग गया?

उत्तर :- किसी देश का एक युवक जापान में शिक्षा लेने आया। एक दिन वह सरकारी पुस्तकालय से पुस्तक पढ़ने को लाया। उस पुस्तक में कुछ दुर्लभ चित्र थे। उस युवक ने पुस्तक में से वे चित्र निकाल लिए और पुस्तक वापस कर आया। किसी जापानी विद्यार्थी ने यह देख लिया और पुस्तकालय को इसकी सूचना दे दी। पुलिस ने तलाशी लेकर वे चित्र उस विद्यार्थी के कमरे से बरामद किए और उस विद्यार्थी को जापान से निकाल दिया और साथ ही पुस्तकालय के बाहर बोर्ड पर लिखवा दिया गया कि जिस देश का भी वह विद्यार्थी था उसका कोई भी निवासी इस पुस्तकालय में प्रवेश नहीं कर सकता। इस प्रकार उसने अपने काम से अपने देश के मस्तक पर कलंक का टीका लगा दिया।

प्रश्न 4. लेखक के अनुसार कोई भी कार्य महान कैसे बन जाता है?

उत्तर:- लेखक के अनुसार महत्व किसी कार्य की विशालता में नहीं है, बल्कि उस कार्य को करने की भावना में है। बड़े से बड़ा कार्य हीन है, यदि उसके पीछे अच्छी भावना नहीं है और छोटे से छोटा कार्य भी महान बन जाता है यदि उसको करने के पीछे अच्छी भावना है।

प्रश्न 5. शल्य ने कौन-सा महत्वपूर्ण कार्य किया? पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तर :- शल्य महाबली कर्ण का सारथी था। जब भी कर्ण अपने पक्ष की विजय की घोषणा करता तो शल्य अर्जुन की अजेयता का हल्का-सा उल्लेख कर देता। बार-बार इस उल्लेख से कर्ण के आत्मविश्वास में कमी गई। इसी कमी के कारण वह अर्जुन से पराजित हुआ।

प्रश्न 6. शक्ति बोध और सौंदर्य बोध से क्या तात्पर्य है? पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर- शक्ति बोध का अर्थ देश को शक्तिशाली बनाने और शक्ति के ज्ञान से है। जब हम यह समझ लें कि हमारा कोई भी काम ऐसा हो जो देश में कमज़ोरी की भावना को बल दे और हम अपने देश को दूसरों से श्रेष्ठ बनाने की कोशिश करें तो हम अपने देश को शक्तिशाली बनाते हैं। सौंदर्य बोध का अर्थ देश को सुंदर बनाने से है। जब हम यह समझ लें कि हमारे किसी भी काम से देश में कुरुचि की भावना पैदा हो और देश की सुंदरता को कोई चोट पहुँचे तो हम अपने देश को सुंदर बनाते हैं।

प्रश्न 7: हम अपने देश के शक्ति बोध को किस प्रकार चोट पहुँचाते है?

उत्तर :- जब हम रेलों, मुसाफिरखानों, क्लबों, चौपालों, मोटर बसों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अपने देश की खामियों का वर्णन करते हैं और दूसरे देश की खुशहाली की प्रशंसा करते हैं। अपने देश की दूसरे देशों के साथ तुलना करते हुए अपने देश को हीन और दूसरे देशों को श्रेष्ठ सिद्ध करते हैं तो ऐसा करके हम अपने देश के शक्ति बोध को भयंकर चोट पहुँचाते हैं और स्वयं अपने ही देश के सामूहिक मानसिक बल को हीन कर देते हैं।

प्रश्न 8. हम अपने देश के सौन्दर्य बोध को किस प्रकार चोट पहुँचाते हैं?

उत्तर :- जब हम केला खाकर छिलका रास्ते में फेंकते हैं, घर का कूड़ा बाहर फेंकते हैं, मुँह से गंदे शब्दों से गंदे भाव प्रकट करते हैं, इधर की उधर, उधर की इधर लगाते हैं, अपना घर, दफ्तर, गली गंदा रखते हैं, होटलों, धर्मशालाओं या दूसरे स्थानों में, जीनों में, कोनों में पीक थूकते हैं। उत्सवों, मेलों, रेलों और खेलों में ठेलमठेल करते हैं, निमंत्रित होने पर समय से लेट पहुँचते हैं, वचन देकर भी घर आने वालों को समय पर नहीं मिलते, ऐसा सब करके हम अपने देश की संस्कृति और सौंदर्य बोध को चोट पहुँचाते हैं।

प्रश्न 9. देश की उच्चता और हीनता की कसौटी क्या है?

उत्तर :- देश की उच्चता और हीनता की कसौटी चुनाव है। जिस देश के नागरिक यह समझते हैं कि चुनाव में किसे अपना मत देना चाहिए और किसे नहीं, वह देश उच्च है और जहाँ के नागरिक गलत लोगों के उत्तेजक नारों या व्यक्तियों के गलत प्रभाव में आकर मत देते हैं, वह देश हीन है।

3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर छः या सात पंक्तियों में दीजिए :-

प्रश्न 1. लाला लाजपत राय जी ने देश के लिए कौन-सा महत्वपूर्ण कार्य किया? निबंध के आधार पर उत्तर दीजिए।

उत्तर :- लाला लाजपत राय जी देश के स्वतंत्रता सेनानियों में से प्रमुख थे। उन्होंने देश की पराधीन स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए अनेक लेख लिखे। उन्होंने अपने लेखों और वाणी से देश के लोगों के अंदर स्वतंत्रता पाने के लिए जोश पैदा किया। वे संसार भर के देशों में घूमे। परंतु जहाँ भी गए भारत देश की गुलामी की लज्जा का कलंक होने के कारण मन ही मन बहुत दु:खी हुए। वे एक अद्भुत व्यक्तित्व वाले मनुष्य थे। जिससे भी मिलते थे, उस पर छा जाते थे। उनकी कलम और वाणी में तेजस्विता की ऐसी किरणें थीं जिससे अपने मुग्ध हो जाते थे और पराए भौंचक। उन्होंने भारतीयों को अंग्रेज़ों की गुलामी के कलंक से छुटकारा पाने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति में विशेष भूमिका निभाई।

प्रश्न 2. तुर्की के राष्ट्रपति कमाल पाशा और भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित घटनाओं द्वारा लेखक क्या संदेश देना चाहता है?

उत्तर :- तुर्की के राष्ट्रपति कमालपाशा को उनकी वर्षगाँठ के अवसर पर एक बूढ़े किसान ने मिट्टी की छोटी-सी हंडिया में पाव-भर शहद उपहार में दिया, जिसे कमालपाशा ने उस दिन का सर्वोत्तम उपहार कहा। ठीक उसी प्रकार प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को एक किसान ने रंगीन सुतलियों से बुनी खाट भेंट की जिसे देख कर पंडित जी भाव-विभोर हो गए थे। ये दोनों ही उपहार कोई विशेष या बहुत कीमती नहीं थे परंतु इन उपहारों को देने वाले भेंटकर्त्ताओं की भावना अच्छी और सच्ची थी जिसने उन साधारण से उपहारों को भी कीमती बना दिया। इस प्रकार इन घटनाओं से लेखक यही संदेश देना चाहता है कि महत्व किसी कार्य की विशालता में नहीं बल्कि उस कार्य को करने की भावना में है।

प्रश्न 3. लेखक ने देश के नागरिकों को चुनावों में किन बातों की ओर ध्यान देने के लिए कहा है?

उत्तर :- लेखक ने देश की उच्चता और हीनता की कसौटी चुनाव को कहा है। इसीलिए उसके अनुसार देश के प्रत्येक नागरिक को अपने मताधिकार का सही प्रयोग करना चाहिए। किसी भी नागरिक को गलत लोगों के उत्तेजक नारों या व्यक्तियों के गलत प्रभाव में आकर मत नहीं देना चाहिए। देश के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य है कि जब भी कोई चुनाव हो तो व्यक्ति विशेष के गुण-दोषों को विचार कर ठीक मनुष्य को ही अपना मत देना चाहिए कि किसी लालच में आकर। तभी कोई देश उच्च बन सकता है।

 

() भाषा  - बोध

1) निम्नलिखित शब्दों की भाववाचक संज्ञा बनाइए -

शब्द                          भाववाचक संज्ञा                                      

मनुष्य                       मनुष्यता

पूर्ण                           पूर्णता

स्वतंत्र                       स्वतंत्रता

उच्च                          उच्चता

हीन                           हीनता

शब्द                       भाववाचक संज्ञा

ऊँचा                      ऊँचाई

लड़ना                    लड़ाई

गुलाम                    गुलामी

व्यक्ति                    व्यक्तित्व

पुरुष                      पौरुष

 

2) निम्नलिखित शब्दों के विशेषण शब्द बनाइए :

शब्द                    विशेषण

नगर                     नागरिक

संसार                   सांसारिक

संस्कृति                सांस्कृतिक

परिवार                 पारिवारिक

शब्द                         विशेषण

राष्ट्र                           राष्ट्रीय

भारत                        भारतीय

दया                           दयालु

घर                             घरेलू

 

3) निम्नलिखित शब्दों के विपरीत शब्द लिखिए :

शब्द         विपरीत शब्द

ज्ञान         अज्ञान

अंधकार    प्रकाश

जीवन      मरण

साधारण   असाधारण

स्वतंत्र        परतंत्र

शब्द          विपरीत शब्द

लाभ          हानि

सफल        असफल

पराजय       विजय

पक्ष             विपक्ष

सम्मान        अपमान

 

लेखन   - विनोद कुमार (हिंदी शिक्षक)स.ह.स.बुल्लेपुर,लुधियाना

         गुरप्रीत कौर(हिंदी शिक्षिका) स ह स लापरा लुधियाना

         शेखर (हिंदी शिक्षक) स.मि.स. दातारपुर रूपनगर

संशोधक – डॉ॰ राजन (हिंदी शिक्षक)लोहारका कलां, अमृतसर