पाठ – 11(i)
माँ का कमरा (श्यामसुंदर अग्रवाल)
अभ्यास
विषय बोध
i) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो पंक्तियों में दीजिए :
प्रश्न 1. बुज़ुर्ग बसंती कहाँ रह रही थी?
उत्तर :- बुज़ुर्ग बसंती छोटे-से पुश्तैनी मकान में रह रही थी ।
प्रश्न 2. बुज़ुर्ग
बसंती को किस का पत्र मिला?
उत्तर : बुज़ुर्ग बसंती को अपने बेटे का पत्र मिला |
प्रश्न 3. बसंती की पड़ोसन कौन थी?
उत्तर :- बसंती की पड़ोसन रेशमा थी।
प्रश्न 4. बसंती बेटे के साथ कहाँ आई?
उत्तर :- बसंती बेटे के साथ शहर आई।
प्रश्न 5. कोठी में कितने कमरे थे?
उत्तर :- कोठी में तीन कमरे थे।
प्रश्न 6. नौकर ने बसंती का सामान कहाँ रखा?
उत्तर :- नौकरों ने बसंती का सामान बरामदे के साथ वाले कमरे में रखा।
प्रश्न 7. बसंती के कमरे में कौन-कौन सा सामान था?
उत्तर : बसंती के कमरे में एक डबल बैड बिछा था, गुस्लखाना भी साथ था। उस कमरे में एक टी.वी., एक टेपरिकॉर्डर और दो कुर्सियां पड़ी थीं। बैड
पर गद्दे बहुत नरम थे।
ii) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर तीन-चार पंक्तियों में दें :
प्रश्न 1. बेटे ने पत्र में अपनी माँ बसंती को क्या लिखा?
उत्तर : बेटे ने पत्र में अपनी माँ बसंती को लिखा कि उसकी तरक्की हो गई है। कंपनी की ओर से उसे बहुत बड़ी कोठी रहने को मिली है। अब तो उसे उसके पास शहर में आकर रहना ही होगा। वहाँ उसे कोई तकलीफ नहीं होगी।
प्रश्न 2. पड़ोसन रेशमा ने बसंती को क्या समझाया?
उत्तर : पड़ोसन रेशमा ने बसंती को समझाया कि उसे बेटे के पास रहने के लिए शहर नहीं जाना चाहिए। शहर में बहू-बेटे के पास रहकर बहुत दुर्गति होती है। उनके साथ नौकरों जैसा व्यवहार किया जाता है। यहाँ तक कि खाने पीने को भी समय से नहीं दिया जाता। कुत्ते से भी बुरी हालत हो जाती है।
प्रश्न 3. बसंती क्या सोचकर बेटे के साथ शहर आई?
उत्तर : पड़ोसन रेशमा की बातें सुनकर बसंती थोड़ा डर गई थी परंतु अगले दिन जब उसका बेटा कार लेकर आ गया तो बेटे की ज़िद के आगे बसंती की एक न चली। तब वह यह सोच कर उसके साथ चली गई कि 'जो होगा देखा जाएगा'।
प्रश्न 4. बसंती के कमरे में कौन-कौन सा सामान था?
उत्तर : बसंती को अपना कमरा स्वर्ग जैसा सुंदर लगा। उस कमरे में एक डबल बैड बिछा था, गुसलखाना भी साथ था। उस कमरे में एक टी.वी., एक टेपरिकॉर्डर और दो कुर्सियां पड़ी थी। बैड पर गद्दे बहुत नरम थे।
प्रश्न 5. बसंती की आँखों में आँसू क्यों आ गए?
उत्तर : बसंती ने जैसा नकारात्मक व्यवहार सोचा था, उसके पुत्र का व्यवहार उससे बिल्कुल विपरीत था। उसने ऐसा सुख भरा जीवन कभी नहीं जिया था। उसके पुत्र ने आजकल के स्वार्थी पुत्रों जैसा व्यवहार नहीं किया था। अब वह अपने पुत्र के साथ सुखपूर्वक रह सकेगी। इस प्रकार पुत्र का स्नेहपूर्ण व्यवहार पाकर बसंती की आँखों में खुशी के आँसू आ गए।
प्रश्न 6. 'माँ का कमरा' कहानी का उद्देश्य क्या है?
उत्तर : 'माँ का कमरा' एक उद्देश्यपूर्ण कहानी है। लेखक का मुख्य उद्देश्य बुज़ुर्गों की स्थिति को बेहतर बनाना और समाज में विघटित हो रहे मूल्यों को पुनः स्थापित करना है। लेखक यह भी बताना चाहता है कि हमें कभी
भी किसी की बातों में नहीं आना चाहिए। यदि इस कहानी में बसंती अपनी पड़ोसन रेशमा की बातों में आकर अपने बेटे के साथ न जाती तो वह उसके स्नेहपूर्ण व्यवहार से वंचित रह जाती। इस प्रकार लेखक का उद्देश्य समाज की मानसिकता में बदलाव लाना भी है। यह कहानी हमें निराशा से आशा की ओर लेकर जाती है और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की शिक्षा देती है।
(ख) भाषा-बोध
निम्नलिखित पंजाबी गद्यांश का हिंदी में अनुवाद कीजिए :
ਛੋਟੇ ਜਿਹੇ ਪੁਸ਼ਤੈਨੀ ਮਕਾਨ ਵਿੱਚ ਰਹਿ ਰਹੀ ਬਜ਼ੁਰਗ ਬਸੰਤੀ ਨੂੰ ਦੂਰ ਸ਼ਹਿਰ ਰਹਿ ਰਹੇ ਪੁੱਤਰ ਦਾ ਪੱਤਰ ਮਿਲਿਆ - "ਮਾਂ ਮੇਰੀ ਤਰੱਕੀ ਹੋ ਗਈ ਹੈ। ਕੰਪਨੀ ਵੱਲੋਂ ਮੈਨੂੰ ਰਹਿਣ ਨੂੰ ਬਹੁਤ ਵੱਡੀ ਕੋਠੀ ਮਿਲੀ ਹੈ, ਹੁਣ ਤਾਂ ਤੈਨੂੰ ਮੇਰੇ ਕੋਲ ਸ਼ਹਿਰ ਵਿੱਚ ਆ ਕੇ ਰਹਿਣਾ ਹੀ ਪਵੇਗਾ।"
छोटे-से पुश्तैनी मकान में रह रही बुज़ुर्ग बसंती को दूर शहर में रहने वाले
पुत्र का पत्र मिला - "मां मेरी तरक्की हो गई है। कंपनी की ओर से मुझे रहने को बहुत बड़ी कोठी मिली है, अब तो तुम्हें मेरे पास शहर में आकर रहना ही पड़ेगा ।"
लेखन - विनोद कुमार (हिंदी शिक्षक)स.ह.स.बुल्लेपुर,लुधियाना
गुरप्रीत कौर(हिंदी शिक्षिका) स ह स लापरा लुधियाना
पूजा रानी, हिन्दी शिक्षिका, स.स.स.स्कूल, बोड़ा, ज़िला:- होशियारपुर
संशोधक – डॉ॰ राजन (हिंदी शिक्षक)लोहारका
कलां, अमृतसर