**"ळ"** का उच्चारण और प्रयोग

**"ळ"** का उच्चारण और प्रयोग भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर उन भाषाओं में जिनमें यह ध्वनि पहले से विद्यमान है, जैसे मराठी, कन्नड़, और तेलुगु। हिंदी में इसका उपयोग बहुत कम होता था, लेकिन हाल ही में इसे मान्यता दी गई है, इसलिए इसका महत्व बढ़ गया है। आइए इसे समझते हैं:

### 1. **"ळ" का उच्चारण:**
"ळ" का उच्चारण साधारण "ल" से थोड़ा भिन्न होता है। इसे **मूर्धन्य** या **retroflex lateral consonant** कहा जाता है, जो जीभ को तालु (मूर्धा) के पीछे लगाकर उच्चारित होता है। इसमें जीभ को थोड़ा मुड़ाकर उच्चारण किया जाता है, जबकि साधारण "ल" में जीभ को दाँतों के पास रखा जाता है। इसे ऐसे समझा जा सकता है कि यह "ल" से थोड़ा भारी और गूंजता हुआ उच्चारण है।

### 2. **"ळ" का प्रयोग:**
**मराठी** जैसी भाषाओं में इसका प्रयोग बहुत स्वाभाविक है, जैसे:
- "बालक" (साधारण ल) और "बाळक" (ळ का प्रयोग) में उच्चारण भिन्नता को महसूस किया जा सकता है।
- इसी प्रकार, मराठी में "मुलगा" (लड़का) शब्द में "ळ" का प्रयोग होता है।

### 3. **हिंदी में "ळ" का औचित्य:**
हिंदी में "ल" पहले से मौजूद है और व्यापक रूप से उपयोग होता है, तो "ळ" को क्यों शामिल किया गया?

- **भाषाई विविधता:** हिंदी में कई क्षेत्रीय भाषाओं के शब्द हैं, जैसे मराठी, कन्नड़, तेलुगु आदि, जहां "ळ" का प्रयोग प्रचलित है। इन भाषाओं के शब्दों का हिंदी में समावेश करते समय, उनके सही उच्चारण और रूप को बनाए रखने के लिए "ळ" का प्रयोग औचित्यपूर्ण है।
  
- **सटीकता और सही उच्चारण:** कुछ शब्द जिनमें "ळ" का उपयोग होता है, हिंदी में भी आने लगे हैं। इन शब्दों को सही ढंग से प्रस्तुत करने के लिए "ळ" का प्रयोग महत्वपूर्ण है। इससे शब्दों की सही ध्वन्यात्मक पहचान बनी रहती है।

- **अन्य भाषाओं के शब्द:** हिंदी में कई बार दक्षिण भारतीय भाषाओं या मराठी के शब्दों का प्रयोग होता है, जहाँ "ळ" का सही उच्चारण आवश्यक है। उदाहरण के लिए:
  - मराठी में "बाळक" (बच्चा) या "मुलगा" (लड़का) जैसे शब्द।
  
### 4. **ल और ळ का अंतर:**
- "ल" का उच्चारण सामान्यतया जीभ को दाँतों के पास रखकर किया जाता है।
- "ळ" का उच्चारण जीभ को थोड़ा पीछे (मूर्धा) करके किया जाता है।

इस प्रकार, हिंदी में "ळ" को सम्मिलित करना भाषाई विविधता और सही उच्चारण को मान्यता देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेष रूप से जब हिंदी अन्य भाषाओं के शब्दों को अपनाती है, तो उनका सही उच्चारण बरकरार रखना आवश्यक हो जाता है।

कक्षा- आठवीं(अपठित गद्यांश)

 

कक्षा- आठवीं

अपठित गद्यांश

01.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

मेरे देश का नाम भारत है, जो महाराज दुष्यंत एवं शकुंतला के प्रतापी पुत्र "भरत” के नाम पर रखा गया। पहले इसे "आर्यावर्त" कहा जाता था। इस पावन देश में राम, कृष्ण, महात्मा बूद्ध, वर्धमान महावीर आदि महापुरुषों ने जन्म लिया। इस देश में अशोक और महाराणा प्रताप जैसे प्रतापी सम्राट भी हुए हैं। इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरोजनी नायडू आदि ने कंधे से कंधे मिलाकर संघर्ष किया।

 

प्रश्न । : भारत का नाम किसके नाम पर रखा गया ?

उत्तर : भारत का नाम महाराज दुष्यंत और शकुंतला के प्रतापी पुत्र भरत के नाम पर रखा गया।

प्रश्न 2 : इस देश को पहले किस नाम से जाना जाता था ?

उत्तर : इस देश को पहले "आर्यावर्त" के नाम से जाना जाता था।

प्रश्न 3 : प्राचीन काल में किन-किन महापुरुषों ने इस देश में जन्म लिया ?

उत्तर : प्राचीन काल में इस देश में राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध, वर्धमान महावीर जैसे महापुरुषों ने जन्म लिया।

प्रश्न 4 : स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करने वाले प्रमुख नेताओं के नाम बताइए।

उत्तर : स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करने वाले प्रमुख नेता थे - महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोकमान्य तिलक, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरोजिनी नायडू आदि।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'मेरा भारत महान।'

 

02.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

सच्चरित्र दुनिया की समस्त सम्पत्तियों में श्रेष्ठ सम्पत्ति मानी गयी है। पृथ्वी, आकाश, जल, वायु और अग्नि पंचभूतों से बना मानव-शरीर मौत के बाद समाप्त हो जाता है किन्तु चरित्र का अस्तित्व बना रहता है। बड़े-बड़े चरित्रवान ऋषि- मुनि, विद्वान, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी दयानन्द सरस्वती आदि अनेक विभूतियाँ समाज में पूजनीय हैं। ये अपने सच्चरित्र के द्वारा इतिहास और समाज को नयी दिशा देने में सफल रहे हैं। समाज में विद्या और धन भला किस काम का ? अतः विद्या और धन के साथ-साथ चरित्र का अर्जन अत्यंत आवश्यक है। यद्यपि लंकापति रावण वेदों और शास्त्रों का महान ज्ञाता और अपार धन का स्वामी था, किन्तु सीता- हरण जैसे कुकृत्य के कारण उसे अपयश का सामना करना पड़ा। आज युगों बीत जाने पर भी उसकी चरित्रहीनता के कारण उसके प्रतिवर्ष पुतले बनाकर जलाए जाते हैं। चरित्रहीनता को कोई भी पसन्द नहीं करता। ऐसा व्यक्ति आत्मशांति, आत्मसम्मान और आत्मसंतोष से सदैव वंचित रहता है। वह कभी भी समाज में पूजनीय स्थान नहीं ग्रहण कर पाता है। जिस तरह पक्की ईंटों से पक्के भवन का निर्माण होता है उसी तरह सच्चरित्र से अच्छे समाज का निर्माण होता है। अतएव सच्चरित्र ही अच्छे समाज की नींव है।

 

प्रश्न 1 : दुनिया की समस्त सम्पत्तियों में किसे श्रेष्ठ माना गया है ?

उत्तर : सच्चरित्र

प्रश्न 2 : रावण को क्यों अपयश का सामना करना पड़ा ?

उत्तर : सीताहरण के कारण

प्रश्न 3 : चरित्रहीन व्यक्ति सदैव किससे वंचित रहता है?

उत्तर : आत्म शान्ति व आत्म सम्मान से

प्रश्न 4 : 'श्रेष्ठ' तथा 'प्रमाण' शब्दों के अर्थ लिखिए।

उत्तर : सबसे अच्छा तथा सबूत

प्रश्न 5 : उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।

उत्तर : 'सच्चरित्र'

 

03.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

लगभग दो सौ वर्षा की गुलामी ने भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान को पैरों से रौंद डाला, हमारी संस्कृति को समाप्त कर दिया, हमारे विश्वास को हिला दिया और हमारे आत्मविश्वास को चकनाचूर कर दिया। किंतु अपने देश से प्यार करने वाले, इसके एक सामान्य संकेत पर प्राण न्योछावर करने वाले दीवानों का अभाव न था। एक आवाज उठी और देखते ही देखते राष्ट्र का दबा हुआ आत्माभिमान उन्मत्त हो उठा। इतिहास साक्षी है - जाने और अनजाने सहस्रत्रों देशभक्त स्वतंत्रता की अमानत निधि को पाने के लिए शहीद हो गए।

 

प्रश्न 1 : भारतवर्ष ने कितने वर्षों की गुलामी झेली है ?

उत्तर : भारतवर्ष ने लगभग दो सौ वर्षों की गुलामी झेली है।

प्रश्न 2 : गुलामी ने भारत को क्या हानि पहुँचाई ?

उत्तर : गुलामी ने राष्ट्रीय स्वाभिमान को पैरों तले रौंद डाला, संस्कृति को मिटाया तथा हमारे आत्मविश्वास को हिलाकर रख दिया।

प्रश्न 3 : इस देश की क्या विशेषताएँ रहीं? उत्तर : इस देश की यह विशेषता रही कि यहाँ के लोग इस देश पर प्राण न्योछावर करने के लिए सदा तैयार रहे हैं।

प्रश्न 4 : लोगों ने देश के लिए क्या किया ?

उत्तर : लोगों ने इस देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दे दिया।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'देश के लिए बलिदान'

 

04.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

समय बहुत मूल्यावान होता है। यह बीत जाए तो लाखों - करोड़ों रुपये खर्च करके भी इसे वापिस नहीं लाया जा सकता। इस संसार में जिसने भी समय की कद्र की है, उसने सुख के साथ जीवन गुजारा है और जिसने समय की बर्बादी की, वह खुद ही बर्बाद हो गया है। समय का मूल्य उस खिलाड़ी से पूछिए, जो सेकंड के सौवे हिस्से से पदक चूक गया हो। स्टेशन पर खड़ी रेलगाड़ी एक मिनट के विलंब से छूट जाती है। आजकल तो कई विद्यालय में देरी से आने पर विद्यालय में प्रवेश भी नहीं करने दिया जाता। छात्रों को तो समय का मूल्य और भी अच्छी तरह समझ लेना चाहिए, क्योंकि इस जीवन की कद्र करके वे अपने जीवन के लक्ष्य को पा सकते हैं।

 

प्रश्न 1 : गद्यांश में किसी और क्यों मूल्यवान बताया गया है ?

उत्तर : गद्यांश में समय को मूल्यवान बताया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यदि वह बीत जाए तो इसे लाखों करोड़ों रुपऐ खर्च करके भी बीता हुआ समय वापिस नहीं हो सकता है।

प्रश्न 2 : समय को महत्त्व देने वालों का जीवन कैसा होगा ?

उत्तर : समय के महत्त्व को समझने वालों का जीवन सुखमय होता है। वे अपना जीवन आनंदपूर्वक व्यतीत करते हैं।

प्रश्न 3 : कौन व्यक्ति स्वयं बर्बाद हो जाता है ?

उत्तर : समय को व्यर्थ में बर्बाद करने वाला व्यक्ति स्वयं बर्बाद हो जाता है।

प्रश्न 4 : "समय का हर पल कीमती होता है।" इस कथन के लिए गद्यांश में कौन-सा उदाहरण पेश किया गया है ?

उत्तर : इस कथन के लिए गद्यांश में खिलाड़ी का उदाहरण पेश किया गया है, जो सेकंड के सौवें हिस्से के अंतर से पदक नहीं जीत सका था।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'समय का मूल्य'

 

05.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है - रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितनी अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं, जनसंख्या उसके अनुपात में बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष हमारा विकास बहुत कम रह जाता है और विकास कार्य दिखाई नहीं देते। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औ‌द्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृद्धि पर नियत्रंण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।

 

प्रश्न 1 : बढ़ती जनसंख्या ने किसे जन्म दिया है?

उत्तर : बढ़ती जनसंख्या ने कई प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है। इनमें रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योग के उत्पादनों में कमी आदि।

प्रश्न 2 : विकास कार्य क्यों नहीं दिखाई देते ? उत्तर : जनसंख्या वृद्धि के कारण हमें विकास कार्य नहीं दिखाई देते हैं।

प्रश्न 3 : बढ़ती जनसंख्या के सामने कौन से प्रयास असफल दिखाई देते हैं ?

उत्तर : बढ़ती जनसंख्या के सामने सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं।

प्रश्न 4 : "नगण्य" शब्द का सही अर्थ क्या है?

उत्तर : "नगण्य" शब्द का सही अर्थ है अपर्याप्त।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'बढ़ती जनसंख्या की समस्याएँ'

 

06.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

संसार में सबसे मूल्यावान वस्तु समय है क्योंकि दुनिया की अधिकांश वस्तुओं को घटाया - बढ़ाया जा सकता है, पर समय का एक क्षण भी बढ़ा पाना व्यक्ति के बस में नहीं है। समय के बीत जाने पर व्यक्ति के पास पछतावे के अलावा कुछ नहीं होता। विद्यार्थी के लिए तो समय का और भी अधिक मतत्त्व है। विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य है शिक्षा प्राप्त करना। समय के उपयोग से ही शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। जो विद्यार्थी अपना बहुमूल्य समय खेल - कूद, मौज - मस्ती तथा आलस्य में खो देते हैं वे जीवन भर पछताते रहते हैं, क्योंकि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं और जीवन में उन्नति नहीं कर पाते। मनुष्य का कर्तव्य है कि क्षण बीत गए हैं, उनकी चिंता करने के बजाय जो अब हमारे समाने हैं, उसका सदुपयोग करें।

 

प्रश्न 1 : संसार में सबसे मूल्यवान वस्तु क्या है ?

उत्तर : संसार में सबसे मूल्यवान वस्तु समय है।

प्रश्न 2 : व्यक्ति के बस में क्या नहीं है ?

उत्तर : समय के एक भी क्षण को बढ़ा पाना व्यक्ति के बस में नहीं है।

प्रश्न 3 : किस प्रकार के विद्यार्थी पछताते हैं?

उत्तर : जो विद्यार्थी अपना समय खेल-कूद, मौज - मस्ती एवं आलस में बिता देते हैं, वे पछताते हैं।

प्रश्न 4 : मनुष्य का क्या कर्तव्य है ?

उत्तर : मनुष्य का कर्तव्य है कि बीते हुए समय पर विचार न करके जो समय अपने पास है उसका सदुपयोग करे।

प्रश्न 5 : गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'समय का मूल्य'

 

07.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

बातचीत करते समय हमें शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सम्मानजनक शब्द व्यक्ति को उदात्त एवं महान बनाते हैं। बातचीत को सुगम एवं प्रभावशाली बनाने के लिए सदैव प्रचलित भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। अत्यंत साहित्यिक एवं मुश्किल भाषा के प्रयोग से कहीं ऐसा न हो कि हमारा व्यक्तित्व चोट खा जाए। बातचीत में केवल विचारों का ही आदान - प्रदान नहीं होता, बल्कि व्यक्तित्व का भी आदानच्छा करना चाहिए। शिक्षक वास्तव में - एक अच्छा अभिनेता होता है, जो अपने व्यक्त्तिव, शैली बोलचाल और हावभाव से विद्यार्थियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है और उन पर अपनी छाप छोड़ता है।

 

प्रश्न 1 : बातचीत करते समय हमें किस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए ?

उत्तर : बातचीत करते समय हमें शब्दों के चयन विशेष ध्यान देना चाहिए।

प्रश्न 2 : बातचीत करते समय किस तरह की भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए ?

उत्तर : अत्यंत साहित्यिक एवं मुश्किल भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए।

प्रश्न ३ : एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कैसे प्रभावित करता है ?

उत्तर : एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को अपने व्यक्त्तिव, बोलचाल और हावभाव से प्रभावित करता है।

प्रश्न 4 : उपर्युक्त गद्यांश में आए शब्द 'प्रचलित' का क्या अर्थ है ?

उत्तर : 'प्रचलित' जिसका चलन हो।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'शब्दों का चयन'

 

08.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

शरीर को स्वस्थ या निरोग रखने में व्यायाम का कितना महत्व है, इस पर कुछ कहने की आवश्यकता नहीं हैं। आज की भाग - दौड़ से भरी जिंदगी ने मनुष्य को इतना व्यस्त कर दिया है कि वह यह भी भूल गया है कि इस सारी भाग - दौड़ का वह तभी तक हिस्सेदार है जब तक कि उसका शरीर भी स्वस्थ है। जो व्यक्ति अपने शरीर की उपेक्षा करता है वह अपने लिए रोग, बुढ़ापे तथा मृत्यु का दरवाजा खोलता है। वैसे तो अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित भोजन, स्वच्छ जल तथा शुद्ध वायु संयम तथा नियमित जीवन सभी कुछ आवश्यक है किंतु इन सबसे व्यायाम करने वाले व्यक्ति में कुछ ऐसी अदुभुत शक्ति आ जाती है कि अपने सारे शरीर पर उसका अधिकार हो जाता है।

 

प्रश्न 1 : व्यायाम का क्या महत्त्व है ?

उत्तर : शरीर को निरोगी रखने में व्यायाम का बहुत महत्त्व है।

प्रश्न 2 : आज व्यक्ति क्या भूल गया है ?

उत्तर : आज व्यक्ति यह भूल गया है कि वह भाग - दौड़ तभी कर सकता है जब तक वह शरीरिक रूप से स्वस्थ है।

प्रश्न 3 : शरीर की उपेक्षा करने वाला व्यक्ति क्या नुकसान करता है ?

उत्तर : शरीर की उपेक्षा करने वाला व्यक्ति अपने लिए रोग, बुढापे तथा मृत्यु का दरवाजा खोलता है।

प्रश्न 4 : अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या क्या आवश्यक हैं ?

उत्तर : अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित भोजन, स्वच्छ जल, शुद्ध वायु, संयमित एवं नियमित जीवन आवश्यक है।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

उत्तर : 'व्यायाम के लाभ'

 अभ्यास हेतु

09.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

मेरे देश का नाम भारत है, जो महाराज दुष्यंत एवं शकुंतला के प्रतापी पुत्र "भरत" के नाम पर रखा गया। पहले इसे "आर्यावर्त" कहा जाता था। इस पावन देश में राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध, वर्धमान महावीर आदि महापुरुषों ने जन्म लिया। इस देश में अशोक और महाराणा प्रताप जैसे प्रतापी सम्राट भी हुए हैं। इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, लोकमान्य तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरोजनी नायडू आदि ने कंधे से कंधे मिलाकर संघर्ष किया।

 

प्रश्न 1 : भारत का नाम किसके नाम पर रखा गया ?

 

प्रश्न 2 : इस देश को पहले किस नाम से जाना जाता था ?

 

प्रश्न 3 : प्राचीन काल में किन-किन महापुरुषों ने इस देश में जन्म लिया ?

 

प्रश्न 4 : स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष करने वाले प्रमुख नेताओं के नाम बताइए।

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

 

10.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

लगभग दो सौ वर्षा की गुलामी ने भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान को पैरों से रौंद डाला, हमारी संस्कृति को समाप्त कर दिया, हमारे विश्वास को हिला दिया और हमारे आत्मविश्वास को चकनाचूर कर दिया। किंतु अपने देश से प्यार करने वाले, इसके एक सामान्य संकेत पर प्राण न्योछावर करने वाले दीवानों का अभाव न था। एक आवाज उठी और देखते-ही-देखते राष्ट्र का दबा हुआ आत्माभिमान उन्मत्त ही उठा। इतिहास साक्षी है- जाने और अनजाने सहस्रत्रों देशभक्त स्वतंत्रता की अमानत निधि को पाने के लिए शहीद हो गए।

 

प्रश्न 1 : भारतवर्ष ने कितने वर्षों की गुलामी झेली है ?

 

प्रश्न 2 : गुलामी ने भारत को क्या हानि पहुँचाई ?

 

प्रश्न 3 : इस देश की क्या विशेषताएँ रहीं?

 

प्रश्न 4 : लोगों ने देश के लिए क्या किया ?

 

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

 

11.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

शरीर को स्वस्थ या निरोग रखने में व्यायाम का कितना महत्व है, इस पर कुछ कहने की आवश्यकता नहीं हैं। आज की भाग-दौड़ से भरी जिंदगी ने मनुष्य को इतना व्यस्त कर दिया है कि वह यह भी भूल गया है कि इस सारी भाग- दौड़ का वह तभी तक हिस्सेदार है जब तक कि उसका शरीर भी स्वस्थ है। जो व्यक्ति अपने शरीर की उपेक्षा करता है वह अपने लिए रोग, बुढ़ापे तथा मृत्यु का दरवाजा खोलता है। वैसे तो अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित भोजन, स्वच्छ जल तथा शुद्ध वायु संयम तथा नियमित जीवन सभी कुछ आवश्यक है किंतु इन सबसे व्यायाम करने वाले व्यक्ति में कुछ ऐसी अदुभुत शक्ति आ जाती है कि अपने सारे शरीर पर उसका अधिकार हो जाता है।

 

प्रश्न 1 : व्यायाम का क्या महत्त्व है ?

 

प्रश्न 2 : आज व्यक्ति क्या भूल गया है ?

 

प्रश्न 3 : शरीर की उपेक्षा करने वाला व्यक्ति क्या नुकसान करता है ?

 

प्रश्न 4 : अच्छे स्वास्थ्य के लिए क्या-क्या आवश्यक हैं ?-

 

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

 

12.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

बातचीत करते समय हमें शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सम्मानजनक शब्द व्यक्ति को उदात्त एवं महान बनाते हैं। बातचीत को सुगम एवं प्रभावशाली बनाने के लिए सदैव प्रचलित भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। अत्यंत साहित्यिक एवं मुश्किल भाषा के प्रयोग से कहीं ऐसा न हो कि हमारा व्यक्तित्व चोट खा जाए। बातचीत में केवल विचारों का ही आदान-प्रदान नहीं होता, बल्कि व्यक्तित्व का भी आदानच्छा करना चाहिए। शिक्षक वास्तव में एक अच्छा अभिनेता होता है, जो अपने व्यक्त्तिव, शैली बोलचाल और हावभाव से विद्यार्थियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है और उन पर अपनी छाप छोड़ता है।

 

प्रश्न 1 : बातचीत करते समय हमें किस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए ?

 

प्रश्न 2 : बातचीत करते समय किस तरह की भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए ?

 

प्रश्न 3 : एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कैसे प्रभावित करता है ?

 

प्रश्न 4 : उपयुक्त गद्यांश में आए शब्द 'प्रचलित' का क्या अर्थ है ?

 

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

 

13.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

समय बहुत मूल्यावान होता है। यह बीत जाए तो लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करके भी इसे वापिस नहीं लाया जा सकता। इस संसार में जिसने भी समय की कद्र की है, उसने सुख के साथ जीवन गुजारा है और जिसने समय की बर्बादी की, वह खुद ही बर्बाद हो गया है। समय का मूल्य उस खिलाड़ी से पूछिए, जो सेकंड के सौवे हिस्से से पदक चूक गया हो। स्टेशन पर खड़ी रेलगाड़ी एक मिनट के विलंब से छूट जाती है। आजकल तो कई विद्यालय में देरी से आने पर विद्यालय में प्रवेश भी नहीं करने दिया जाता। छात्रों को तो समय का मूल्य और भी अच्छी तरह समझ लेना चाहिए, क्योंकि इस जीवन की कद्र करके वे अपने जीवन के लक्ष्य को पा सकते हैं।

 

प्रश्न 1 : गद्यांश में किसी और क्यों मूल्यवान बताया गया है ?

 

प्रश्न 2 : समय को महत्त्व देने वालों का जीवन कैसा होगा ?

 

प्रश्न 3 : कौन व्यक्ति स्वयं बर्बाद हो जाता है ?

 

प्रश्न 4 : "समय का हर पल कीमती होता है।" इस कथन के लिए गद्यांश में कौन-सा उदाहरण पेश किया गया है ?

 

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

 

14.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है- रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितनी अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं, जनसंख्या उसके अनुपात में बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष हमारा विकास बहुत कम रह जाता है और विकास कार्य दिखाई नहीं देते। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औ‌द्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृद्धि पर नियत्रंण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।

प्रश्न 1 : बढ़ती जनसंख्या ने किसे जन्म दिया है?

 

प्रश्न 2 : विकास कार्य क्यों नहीं दिखाई देते?

 

प्रश्न 3 : बढ़ती जनसंख्या के सामने कौन से प्रयास असफल दिखाई देते हैं ?

 

प्रश्न 4 : "नगण्य'' शब्द का सही अर्थ क्या है ?

 

प्रश्न 5 : प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।

 

15.निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए -

बातचीत करते समय हमें शब्दों के चयन पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सम्मानजनक शब्द व्यक्तिको उदात्त एवं महान बनाते हैं। बातचीत को सुगम एवं प्रभावशाली बनाने के लिए सदैव प्रचलित भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। अत्यंत साहित्यिक एवं मुश्किल भाषा के प्रयोग से कहीं ऐसा न हो कि हमारा व्यक्तित्व चोट खा जाए। बातचीत में केवल विचारों का ही आदान-प्रदान नहीं होता, बल्कि व्यक्तित्व का भी आदानच्छा करना चाहिए। शिक्षक वास्तव में विद्यार्थियों को सोच की चुनने शब्द होता करताप्रदान - एक शिक्षक अभिनेता होता है, जो अपने व्यक्त्तिव, शैली, बोलचाल और हावभाव से विद्यार्थियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है और उन पर अपनी छाप छोड़ता है।

 

(1) बातचीत करते समय हमें किस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए ?

 

(2) बातचीत करते समय किस तरह की भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए ?

 

(3) एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को कैसे प्रभावित करता है ?

 

(4) उपयुक्त गद्यांश में आए शब्द 'प्रचलित' का क्या अर्थ है ?

 

(5) प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।